हिंदी कविता


छुअन

सोचती हूँ एक सवाल

 
लम्हे
रंगोली वो किसका नाम था
एतबार नए चमकते सूरज की आशा में
छोटी कवितायें सन्नाटा सा है दिल में
शहरो के इस जंगल में हर शख्स बेगाना है टीस
मुक्ति की भाषा

ख्वाइश एक छोटी सी

एक टुकडा धूप का

यह जीवन यूँ ही चलेगा

बेसूझ साया

क़ब्रों में बंद आवाज़े

आज नन्हा मोशा फिर से याद आया

प्रीत की रीत

तुम तो हो उस पार सजन जगमगाते दीप
रहते थे वह परेशां मेरे बोलने के हुनर से प्यासी है नदिया
सरगम कोरे ख़त
ज़ीवन एक परिवर्तन सच और सपना
आवारा ख्याल ४ आवारा ख्याल( 3)
आवारा ख्याल (२ ) आवारा ख्याल ...(1)
इजहार परिवर्तन का बोझ

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