तेरे आने की जब खबर महके
तेरी खुशबू से सारा घर महके
शाम महके तेरे तस्वुर से
शाम के बाद फ़िर सहर महके
रात भर सोचता रहा तुझको
जहनों दिल मेरे रात भर महके
याद आए तो दिल मुरबर हो
दीद हो जाए तो नज़र महके
वो घड़ी दो घड़ी जहाँ बैठे
वह जमीन महके वह शजर महके [जगजीत सिंह की गायी एक और खूबसूरत गजल ]
5 comments:
बहुत चुनी हुई उम्दा प्रस्तुति.
वाकई खूबसूरत !
शानदार. बहुत ही उम्दा.
आपको बधाई.
रंजू जी
आपको मेरी पसन्द की गज़ल कैसे पता चली? सुनकर मज़ा आ गया। धन्यवाद।
मैंने तो साथ साथ गुनगुना भी लिया....
Post a Comment