Monday, June 28, 2010

प्यार क्या है ?


(1)
प्यार क्या है, एक राही की मंज़िल.......
एक बंज़र जमी पर, अमृत की प्यास......
पारस पत्थर को ढूंढने की खोज.......
ना पूरा होने वाला एक सुंदर सपना.....
जैसे की बड़ा मुश्किल हो कोई मिलना....
खो के फिर ना पाया हो कहीं पाया .......
मिल के भी,जो ना हुआ हो अपना........
(2)

प्यार है इक एहसास...
दिल की धड़कनी को छूता राग...
या है पागल वसंती हवा कोई...
या है दिल में झिलमिल करती आशा कोई...
या प्यार है एक सुविधा से जीने की ललक...
जो देती है थके तन और मन को एक मुक्त गगन...



39 comments:

उन्मुक्त said...

प्यार तो वह एहसास है जो शब्दों में नहीं बांधा जा सकता केवल महसूस ही किया जा सकता है - प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम न दो

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

प्यार के एहसास को बताती सुन्दर भावाभिव्यक्ति

Randhir Singh Suman said...

थके तन और मन को एक मुक्त गगन.nice

शिवम् मिश्रा said...

बेहद उम्दा रचना !

राजकुमार सोनी said...

प्यार कुछ पाकर खोने का नाम भी है शायद। अच्छी रचना के लिए आपको बधाई।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

प्यार को सलीके से परिभाषित किया है।

मुकेश कुमार सिन्हा said...

pyar ek sukhad ahsaadh hai bass, pata nahi, kya leta ya kya deta hai......:)

bahut pyari rachna!!
khubsurat abhivyakti!


aamantran: mere blog pe aane ka:d

vandana gupta said...

प्यार ……………ये शब्द ही ऐसा है जिसने सारी कायनात खुद मे समेटी हुई है फिर भी हमेशा अधूरा ही है……………बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

राज भाटिय़ा said...

प्यार तो एक एहसास है जिसे पाया नही सिर्फ़ महसुस किया जा सकता है

रंजन said...

bahut sundar.

Abhishek Ojha said...

मुझे तो पहले पार्ट का विरोधाभासी प्यार ज्यादा पसंद आया.

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

khoobsurat ehsas ranju ji!

ilesh said...

pyar ek gehra ehsas, jis ehsas se tan man me junnon chha jata he,

pyar hi to paras he jiske ehsas se hi virane se dil me bahar aa jati he,

pyar karne wale ke naam se dil ki dhadakne tej ho jati hi ,sayad suvidha he ye pyar jine ke liye,

magar bina pyar ke zindgi kaha panapti he , pyar ke ehsas ke bina banjar reh jati zindgi he,

pyar hi to zindgi he varna kya rakha he is jine me........

Arvind Mishra said...

उन्मुक्त जी ने मेरे मन की बात कह दी है...

Udan Tashtari said...

बहुत सुन्दरता और कोमलता से परिभाषित किया है. वाह!

Alpana Verma said...

प्रेम /प्यार/प्रीत..क्या है?
आज तक कौन समझ पाया है ?

आप ने दोनों लघु कविताओं में प्रश्न करते हुए भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति की है.

सूर्य गोयल said...

प्यार के एहसास को जिस तरीके से आपने शब्दों में पिरो कर कविता तैयार की है उसके लिए आप बधाई की पात्र है. बेहद ही उम्दा और सुन्दर कविता लिखने के लिए मेरी बधाई स्वीकार करे. कभी समय निकाल कर मेरी गुफ्तगू में भी शामिल होइए.
www.gooftgu.blogspot.com

Asha Joglekar said...

प्यार के अधूरे पन में ही उसकी पूर्णता है । मिल जाये तो मिट्टी है खो जाये तो सोना है ।

स्वाति said...

hamesha ki tarah lazbab kavita..

रंजना said...

प्यार है इक एहसास...
दिल की धड़कनी को छूता राग...
या है पागल वसंती हवा कोई...
या है दिल में झिलमिल करती आशा कोई...
या प्यार है एक सुविधा से जीने की ललक...
जो देती है थके तन और मन को एक मुक्त गगन...



सचमुच ...यही है प्यार...

अर्चना said...

pyaar hai ehasaas........jhilmil karti asha koi.--bahut hi khoobasootar out sachchi abhiwayakti. itani pyari rachana ke liye badhaai.

संध्या आर्य said...

pyaar ek talaash hai .....pure hone par adhyaatmik sukun ........our anthin aannad.............

hem pandey said...

प्यार तो उसने किया है
प्यार को जिसने छिपाया
- बच्चन.
*

कितने भी गहरे रहें गर्त
हर जगह प्यार जा सकता है.
- भवानी प्रसाद मिश्र

Archana writes said...

bahut sundar alfaaz....pyar bahut hi khoobsurat ahsaas h.....aur ise shabado se nawaaz diya jaye to aur b badiya....shandar koshish

सु-मन (Suman Kapoor) said...

प्यार.......... वो जो शब्दों में परिभाषित नहीं होता बस महसूस होता है.............

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

इस शानदार रचना के लिए एक बार पुन: बधाई।
................
अपने ब्लॉग पर 8-10 विजि़टर्स हमेशा ऑनलाइन पाएँ।

दिगम्बर नासवा said...

प्यार को बेहतरीन तरीके से परिभाषित किया है .... पर सच में प्यार तो बस प्यार है ...

s.dawange said...

very very nice

Dilip Kumar Soni said...

MADAM.... AAP PYAR KO PYAR HI RHNE DO. PYAR KYA CHIZ H... WO HME ACHI TARAH MALUM H. AGAR JISKO PYAR KA AHSAAS HI MALUM H TO BHI WO BHADAKAR H... PYAR KO ME KHUDA KA RUP MANTA HU.. OK.....
MY BLOG.- www.shayardilipkumar.blogspot.com
and
www.dilip-love-madhuri.blogspot.com

SUNDEEP (SAAN) said...

PYAR HUA IKRAR HUA HAI PYAR SE PHIR KYU DARATA HAI DI. THIS COMMENT DEDICATED TO ME. CAN SOME PERSON TELL ME EK PYARI SI NAUGHTY HAI. MAIN KAISE USE BATAO KI MAIN USSE KITNA PYAR KARTA HU. PLS HELP ME. MY MAIL IS-BAGCHI.SUNDEEP7@GMAIL.COM

Goldylahare said...

प्यार कुछ पाकर खोने का नाम भी है शायद प्रेम /प्यार/प्रीत..क्या है?
आज तक कौन समझ पाया है ? but love is life. goldy kumar lahare kosir raigarh c.g.

vidhya said...

बहुत बढ़िया!

अज़ीज़ राय said...

मत कीजिये इतनी अच्छी कविता। ये कहीं हम युवाओं के लिए कातिल न बन जाए...

अज़ीज़ राय said...
This comment has been removed by the author.
Dr ajay yadav said...

आदरणीया ,सादर प्रणाम ,
बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ ,मुझे मेरी हिंदी की शिक्षिका याद आ गयीं जिन्होंने ४ वर्ष पहले मुझे वाशी शाह कि एक नज्म /कविता सुनाई थी ....
“मुहब्बत अखिरिश है क्या ? वसी ! मैं हंस के कहता हूँ –
किसी प्यासे को अपने हिस्से का पानी पिलाना भी ..मुहब्बत है !
भंवर मे डूबते को साहिल तक लाना भी ..मुहब्बत है !
किसी के वास्ते नन्ही सी क़ुरबानी .मुहब्बत है !
कहीं हम राज़ सारे खोल सकते हों मगर फिर भी ,
किसी की बेबसी को देख कर खामोश होजाना भी …मुहब्बत है !
हो दिल मे दर्द , वीरानी मगर फिर भी
किसी के वास्ते जबरन ही मुस्कराना भिओ मुहब्बत है !
कहीं बारिश मे भीगते बिल्ली के बच्चे को
ज़रा सी देर को घर में ले आना , भी मुहब्बत है !
कोई चिडया जो कमरे में भटकती आ गयी हो
उस को पंखा बंद कर , रास्ता बाहर का दिखलाना ,मुहब्बत है !
किसी का ज़ख़्म सहलाना , किसी के दिल को बहलाना ..मुहब्बत है !
मीठा बोल , मीठी बात , मीठे लब्ज़ सब क्या है ?मुहब्बत है !
मुहब्बत एक ही बस एक ही इंसान की खातिरमगन रहना , कब है ?
मुहब्बत के हजारों रंग , लाखों रूप हैंकिसी भी रंग में ,
हो जो हमें अपना बनती है,ये मेरे दिल को भाती है “……….
http://drakyadav.blogspot.in/
आप ऐसी हिन् लिखती रहें ,सम्पूर्ण ब्लॉग जगत में इतनी सुंदर कवितायें कहीं नही पढ़ी |आपका अजय

Unknown said...

प्यार तो वह एहसास है जिससे कोई अंजाना सबसे ज्यादा अपना लगे!

Tamasha-E-Zindagi said...

आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है के आपकी यह विशेष रचना को आदर प्रदान करने हेतु हमने इसे आज के ब्लॉग बुलेटिन - एकला चलो पर स्थान दिया है | बहुत बहुत बधाई |

प्रतिभा सक्सेना said...

प्यार है इक एहसास...
दिल की धड़कनी को छूता राग...
या है पागल वसंती हवा कोई...
- बहुत कोमल ,बहुत मधुर एहसास,बहुत सुन्दर शब्द दिये पर 'पागल वसंती हवा' को बाँधेंगी कैसे !

Unknown said...

i have no deficiency
of " pyar ".....its hurt of life....i m speechless.....about Love-