हर सुन्दर तस्वीर
जो समेटे हुए हो
अपने में
कई रंग ...
कई एहसास
और एक
"मोनालिजा सी मुस्कान "
वह सच नहीं होती ....!!
तस्वीर के पीछे
छिपे दर्द को
पहचानने के लिए
दिल की
अंतस गहराई में
उतर कर .........
उसके अंदर के
ज्वालामुखी में
साथ ही जलना होगा
हर दहक,हर रोशनी
तक पहुँचने के लिए
तय शुदा रास्तों से
हट कर ही
सफर तय करना होगा ||
जो समेटे हुए हो
अपने में
कई रंग ...
कई एहसास
और एक
वह सच नहीं होती ....!!
तस्वीर के पीछे
छिपे दर्द को
पहचानने के लिए
दिल की
अंतस गहराई में
उतर कर .........
उसके अंदर के
ज्वालामुखी में
साथ ही जलना होगा
हर दहक,हर रोशनी
तक पहुँचने के लिए
तय शुदा रास्तों से
हट कर ही
सफर तय करना होगा ||
26 comments:
वाह ... बेहतरीन भाव लिए उत्कृष्ट अभिव्यक्ति
सादर
क्या बात है बेहद सुन्दर रचना वाह
यहाँ भी पधारें www.arunsblog.in
Yakeenan aapki kavita se guzrna alag raaston se guzrna hi hai!
सुंदर
डरायिये मत और न ही चुनौती दीजिये -कविता तो इंशा अल्लाह जोरदार है -इन दिनों बहुत प्रालिफिक हैं खैरियत तो है ? :-)
सुन्दर भाव लिए बेहतरीन रचना...
:-)
निश्चय ही, भटकन में भय तो होता है।
बहुत सुन्दर......
सोच में पड़ी हूँ.......
किस राह चलूँ जो तुम तक आये....
सस्नेह
अनु
सुंदर ....
सुन्दर
Sahi kaha Ranju ji...
Jaise kavita ko samajhne ke liye usey mahsoos karna padta hai.. Waise hi ek tasveer ko samajhne ke liye uske antas me jhaankar dekhna padta hai ki aakhir wo tasveer kahna kya chahti hai...
उसके अंदर के
ज्वालामुखी में
साथ ही जलना होगा
हर दहक,हर रोशनी
तक पहुँचने के लिए
तय शुदा रास्तों से
हट कर ही
सफर तय करना होगा ||
Sundar rachna... <3
par kahan utar pate... dil tak... dil ki gahrayee to bahut dur ki kaudi hai:)
वाह...बहुत सुंदर लगी कविता
खूब शूरत भाव लिए बेहतरीन अभिव्यक्ति,,,,
RECECNT POST: हम देख न सके,,,
उम्दा!!...
आज 06-10-12 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
.... आज की वार्ता में ... उधार की ज़िंदगी ...... फिर एक चौराहा ...........ब्लॉग 4 वार्ता ... संगीता स्वरूप.
मुस्कान के पीछे का दर्द ..... उतरना पड़ता है अंतस तक .... बेहतरीन
तयशुदा रास्तों से परे ही तस्वीर बना करती है।
sach kaha dard ko janne ke liye uski gahrayi, uski tapish ko apne me mehsoos karna padta hai.
अंदर का सच बयाँ करती,सुन्दर कविता
उत्कृष्ट अभिव्यक्ति...........
क्या बात रंजू....
सुंदर अभिव्यक्ति ।
जलना है एक दीये की लौं की भांति रोशनी बिखरेते हुए
Very Nice..!
मुस्कान के पीछे छुपे दर्द को पहचानने का सफल और सार्थक प्रयास.
उत्कृष्ट रचना.
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