ईश्वर ने जब रचा यह संसार
तब शायद बनाया
ज़मीन को एक किताब
चाँद सितारों की जिल्द
से उसको सजा कर
फूलों और नज़ारों
से कुछ पन्ने लिख डाले
वही उस किताब में ही
लिखे कुछ बेकारी और
जुल्म के किस्से
और ....
कई अनचाहे दर्द भर डाले
अब यह उस किताब में लिखी
कोई सच्ची कहानी है
या खुदा की लिखावट
से छूटी हुई कुछ गलतियां ??
तब शायद बनाया
ज़मीन को एक किताब
चाँद सितारों की जिल्द
से उसको सजा कर
फूलों और नज़ारों
से कुछ पन्ने लिख डाले
वही उस किताब में ही
लिखे कुछ बेकारी और
जुल्म के किस्से
और ....
कई अनचाहे दर्द भर डाले
अब यह उस किताब में लिखी
कोई सच्ची कहानी है
या खुदा की लिखावट
से छूटी हुई कुछ गलतियां ??
7 comments:
कलम किसी की हो, लिखती है कागज़ लेकर एक कहानी
हँसी खुशी के साथ साथ ही होता लिखा आँख का पानी
केवल सांचा एक न रहता जिसमें ढलती रही कथायें
अगर जान लें हम ये सब तो, कभी न हो हमको हैरानी
अच्छी कविता। बधाई।
वही उस किताब में ही
लिखे कुछ बेकारी और
जुल्म के किस्से
और ....
कई अनचाहे दर्द भर डाले
अब यह उस किताब में लिखी
कोई सच्ची कहानी है
या खुदा की लिखावट
से छूटी हुई कुछ गलतियां ??
आज आप का वही रूप देखने को मिला ,जो मुझे खासा पसंद है....बस लिखती रहिये यूं ही.....
कलयुग में -
भगवन सुख से सो रहा, असुर धरा सब भेज ।
देवों की रक्षा हुई, मनुज फंसा निस्तेज ॥
सुंदर तरीके से पूछा गया अच्छा प्रश्न!
कई अनचाहे दर्द भर डाले जो अधिक तर नारी के हिस्से में आये । बहुत खूब सूरत कविता ।
ati sunder
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