इक सन्नटा सा कमरे में फैला था
माँ के वाजूद से यह घर हरा भरा था
उसकी की हुई दुआओ से यह घर अभी भी महक रहा था
अभी भी जैसे उसकी मुस्कान का घर पर पहरा था
अभी भी उसके ख़ामोश होंठो पर सबके लिए दुआएं थी
बच्चो को दुख सेहने की शक्ति ...
पति के लिए हर बाला से टकराने की तमन्नाएँ थी
हर आरज़ू जैसे बंद आँखो से अभी भी पुकार रही थी
तुम सब हँसते खेलते स्वस्थ रहो ..
यह दुआ वोह बंद दिल की धड़कनो से भी माँग रही थी
जीते जी उसके कभी हम ना समझ पाए उसकी प्यार की आवाज़ को
आज मर के भी वोह सबको अपने में समेटे दुलार रही थी!!
माँ के वाजूद से यह घर हरा भरा था
उसकी की हुई दुआओ से यह घर अभी भी महक रहा था
अभी भी जैसे उसकी मुस्कान का घर पर पहरा था
अभी भी उसके ख़ामोश होंठो पर सबके लिए दुआएं थी
बच्चो को दुख सेहने की शक्ति ...
पति के लिए हर बाला से टकराने की तमन्नाएँ थी
हर आरज़ू जैसे बंद आँखो से अभी भी पुकार रही थी
तुम सब हँसते खेलते स्वस्थ रहो ..
यह दुआ वोह बंद दिल की धड़कनो से भी माँग रही थी
जीते जी उसके कभी हम ना समझ पाए उसकी प्यार की आवाज़ को
आज मर के भी वोह सबको अपने में समेटे दुलार रही थी!!
13 comments:
सुन्दर ! माँ कुछ प्राणी ही ऐसी होती है ।
घुघूती बासूती
ghughutibasuti.blogspot.com
शायद ईश्वर भी माँ की करुणा पाने के लिए ही अवतरीत होते हैं…माँ, माँ होती है न तो किसी उपमा की ललक न जीने की…बस पुत्रों में ही ढूढती है अपने जीने के उद्देश्य…अच्छा है…।
Very touching poem.You have a strong writing power.My good wishes.
http://gurushabad1.blogspot.com
माँ
har pankti har shabd dil ko choote hai ranjana ji ,aap ke shabdo me jaado hota hai
maa hoti hi aise hai
जीते जी उसके कभी हम ना समझ पाए उसकी प्यार की आवाज़ को
आज मर के भी वोह सबको अपने में समेटे दुलार रही थी!! ......
shukriya aapka ghughuti ji ..aapka aana aur is rachna ko padhana sach bahut accha laga ...aage bhi aapke vichaaro ko jaanane ki abhilasha rahegi !!
shukriya divyabh ....maa jaisa duniya mein kuch nahi hota.sach mein
shukriya surjit ..yahan aa ke isko padane ka
shukriya manisha ....
shukriya ...maa lafaz hi dil ki har baat keh deta hai !!
hello mam
am not good with language
but time to time i read and understand your writings
have great day
kalyan
shukriya kalyaan ...raju ...aap yahan aaye aur isko padha ...pasand kiya ...
जीते जी उसके कभी हम ना समझ पाए उसकी प्यार की आवाज़ को
आज मर के भी वोह सबको अपने में समेटे दुलार रही थी!! ......
वाकई हकीकत है। आदमी को मां-बाप का प्यार उन्हें खोने के बाद ही पता चलता है…………।
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