Saturday, February 10, 2007

दिल यूँ ही मचल गया


बदली यह हवा है यह बदला मेरे दिल का आलम है
दिल के हर कोने में बस मुस्कराता हुआ सा तू बस गया

पिघला है यह आसमान या फिर घुला है रंग तेरे प्यार का
आज यह समा गुलाबी रंगत में कैसे निखर गया

नये- नये से खिले- खिले से कुछ लगते हैं एहसास अपने
या तू मेरे ख्वाबो की तबीर में आ के फिर से ढल गया

मचल लेने दे आज मुझे अपने पहलू में सनम
कि आज तेरी नज़रो से मेरे दिल में फिर से कोई कमल खिल गया!!

मिलेगा इस तड़पती रूह को और सकुन तब ही
जब तेरे प्यार की बारिश में यह तन मन मेरा जल गया !!

11 comments:

Anonymous said...

अच्छा लिखा है .. पर कुछ कमी रह गई .. तुफ़ान के मचल जाने में.. पता नहीं क्यूं.. पर कुछ और तङप चाहिये थी मुझे..

Prabhakar Pandey said...

रचना और चित्र दोनों सुन्दर हैं ।

रंजू भाटिया said...

शुक्रिया मान्या ...तड़प और ...?

यह बेताबियाँ है दिल की इसे और ना तडपाओ
आ के पास बेतो मेरे पहलू में
कुछ कहो और कुछ सुन जाओ !!:)

रंजू भाटिया said...

शुक्रिया प्रभाकर .....:)

ePandit said...

दिल के मचलने का क्या कहें।

बहुत शोर सुना करते थे पहलू में दिल का,चीरा तो कतरा-ए-खूं निकला।

Divine India said...

बहुत खुब कहा!! दिल से एक आवाज आती है,
खुली चाँदनी पट से तेरी हर साज आती है,
फिर भी मैखाने पर मैं चला जाता हूँ किसलिये
क्या वहाँ तुम्हारी रुह मुझे नहीं पुकारती है!!!

रचना तो श्रेष्ठ है, पर अंतिम लाईन मैं लिखता तो --"प्यार की बारिश में तन-मन मेरा खिल उठा" क्यों!!!इसलिए की इतनी सुंदर और पुनीत रचना में "काम" की दृष्टि नहीं होनी चाहिए!जल उठा यही संकेत कर रहा है…।

रंजू भाटिया said...

sahi kaha shrish ...shukriya dil se:)

रंजू भाटिया said...

दिल से एक आवाज आती है,
खुली चाँदनी पट से तेरी हर साज आती है,
फिर भी मैखाने पर मैं चला जाता हूँ किसलिये
क्या वहाँ तुम्हारी रुह मुझे नहीं पुकारती है!!!
bahut khoob divyabh ....shayad kuch soch mein fark aa gaya .maine sirf prem ke ek roop ko in lines mein dikahane ki koshish ki thee ..shukriya aapka tahe dil se :)

Mohinder56 said...

दिल के लुटने का सबब पूछो न सबके सामने
नाम आयेगा तुम्हारा, ये कहानी फिर सही
.........मेरा दिल मचल गया त मेरा क्या कसूर है ... हा हा

रंजू भाटिया said...

SHUKRIYA MOHINDER JI ....SACH MEIN DILK MACHAL GAYA .TOH KISI KA KYA KASUR HAI [:)]

GP said...

Nicely said....

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