तेरे बाहुपाश में
सिमट्ती सी "
मैं "
हर
साँस तेरी
अपने सांसो
में समेट लेती हूँ
बूँद
बूँद तेरे
प्यार की
अपनी रूह
में उडेलती
मैं "मरते
मरते "थोड़ा
सा जी
लेती हूँ
एक पल
मिलना
एक
पल बिछड़ना
जैसे लहरो
का किसी
साहिल से
पर फिर
से मिलने
की चाह
में
तेरी
यह कुछ
पल की
बिछड़न
मैं
सह लेती
हूँ !!
3 comments:
Milne ki chaah me bichhdan ko sahna hi padta hai hr baar......bht hi umda
Nice
virah ki samvednaayein har pankti se taapk rahi hain....
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