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Friday, January 11, 2013
छोटी कवितायें
डायरी के पुराने पन्नो में
कुछ लफ्ज़
धुंधले हुए दिखते हैं
जो अब पढने में
नहीं आते ..
पर .........
एक अक्स
अभी भी दिखाई देता है
उन धुंधले अक्षरों में
साफ़ साफ़ उजला सा !!!
********************
जब मन पर
छा जाता है
अकेलापन
और साँसे हो मद्धम
तब कुछ लिख कर भावों से
साँसे उधार ले लेती हूँ !!
*****************
और भी छोटी छोटी बातें जल्द ही आने वाले संग्रह कुछ मेरी कलम से भी ..पढना न भूलें ...शुक्रिया :)
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9 comments:
प्रतीक्षा है ....
सादर
इंतज़ार रहेगा :)
am waiting this book...
प्रतीक्षा है रचना संग्रह की,,,
recent post : जन-जन का सहयोग चाहिए...
भाव संघनित होते रहें यूँ ही।
अति सुंदर कृति
---
नवीनतम प्रविष्टी: गुलाबी कोंपलें
प्रतीक्षा रहेगी ...
लोहड़ी की बधाई ..
kk
aap ne kis age se likhna suru kiya tha... can u tell me bde hi shej trek se aap baato ko khe deti hai such me aap lajwab hai ....... gud
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