Tuesday, July 10, 2012

कहो सच है न ?

तुम्हे मैंने
जितना जाना
बूंद बूंद ही जाना
तुम वह नहीं ,
जो दिखते   थे ..,

तुम्हे जान कर भी
अनजान रही मैं ....
दो रूपों में ढले हुए तुम
एक वह जिसे मैंने ..
रचा अपनी कल्पनाओं में ...
अपनी कामनाओं में ..
अपनी इच्छाओं के साथ
बुना और चाहा शिद्दत से
और ....
एक तुम वह थे
जो थे अपनी ही राह के
चलते मुसफ़िर
ज़िन्दगी में जो
एक पल मिलते हैं
और
दूसरे पल
कहीं ख़ामोशी से
खो जाने का
एहसास करवाते हैं
पर ..............
कहीं यादो से दूर नहीं जा पाते हैं ..( कहो सच है न ?)



चित्र गूगल के सोजन्य से  

24 comments:

Alpana Verma said...

दूसरे पल
कहीं ख़ामोशी से
खो जाने का
एहसास करवाते
___ खूबसूरत पंक्तियाँ ___

बहुत खूब अभिव्यक्त किया है.
अक्सर वास्तविकता यही होती है .

Maheshwari kaneri said...

सच कहा क्भी कभी ऐसा ही अहसास होता है बहुत सादगी लिए सुन्दर रचना..

दिगम्बर नासवा said...

बहुत खूब ... सच है चाहे जैसे भी हों ... जो खुद कों अच्छी लगते हैं ज्यादा दूर नहीं रह पाते ...

vandana gupta said...

बिल्कुल सच है रंजू जी

मुकेश कुमार सिन्हा said...

ek insaan ke doo roop deekh hi jate hain...!! kabhi an kabhi!!

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

भावों की सुंदर अभि‍व्‍यक्‍ति‍

Arvind Mishra said...

पेनफुल्ली ट्रू

प्रवीण पाण्डेय said...

काश तुम पूरा समझ में आते, काश तुम मन में बस जाते..

बहुत ही सुन्दर रचना..

वाणी गीत said...

जिस भी रूप में चाहा तुम्हे ही, कल्पना या साकार !
सुन्दर!

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

deep thought

सदा said...

दूसरे पल
कहीं ख़ामोशी से
खो जाने का
एहसास करवाते
भावमय करते शब्‍द ... बेहतरीन प्रस्‍तुति।

amrendra "amar" said...

प्रभावशाली प्रस्तुती....

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 12 -07-2012 को यहाँ भी है

.... आज की नयी पुरानी हलचल में .... रात बरसता रहा चाँद बूंद बूंद .

Barun Sakhajee Shrivastav said...

अच्छी प्रस्तुति

Udan Tashtari said...

सच तो है...

यह तस्वीर?

अनामिका की सदायें ...... said...

han sach hi to hai..aksar log aise hi to hote hain.

Nidhi said...

सीधी सादी ....सादगी से भरी रचना

देवेन्द्र पाण्डेय said...

ये पल भी आयेंगे यादों में तब बहुत खलेगा।
..अच्छी कविता।

Prakash Jain said...

Bahut khoob...

सु-मन (Suman Kapoor) said...

आपकी हर रचना मन को छू जाती है ...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बिकुल सच है ... सुंदर अभिव्यक्ति

समयचक्र said...

bahut sundar rachana ..abhar

RADHIKA said...

वाह दी ब्लोगिंग के लिए समय ही नही निकाल पाती बहुत दिनों बाद आपकी पोस्ट पढ़ी बहुत मजा आया ..थैंक्स

Mahi S said...

true!!

love ur amrita pritam blog :)