कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se **
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Monday, November 21, 2011
एक घूंट में ....
सिर्फ इस लिए पी ली
मैंने सारी उम्र की कडवाहट
एक घूंट में ....
क्यों कि
तेरी आँखों की नमी में
अपने दर्द के अक्स की झलक
और तेरे प्यार की ...
एक नूर की बूंद
मेरे हाथ में थमे .
इन साँसों के प्याले में
मिल गयी थी ............
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