सिर्फ इस लिए पी ली
मैंने सारी उम्र की कडवाहट
एक घूंट में ....
क्यों कि
तेरी आँखों की नमी में
अपने दर्द के अक्स की झलक
और तेरे प्यार की ...
एक नूर की बूंद
मेरे हाथ में थमे .
इन साँसों के प्याले में
मिल गयी थी ............
एक लम्बे अरसे बात फिर आपसे मुखातिब हूँ रंजना जी | बहुत पहले आपको shyeri की किसी साईट पे पढ़ा था . पुर जिन्दगी का फलसफा कुछ शब्दों में बंधने का हुनर आपके पास बहुत पहले से है | सुन्दर रचना
बहुत ही सुंदर रचना, तेरी आँखों की नमी में अपने दर्द के अक्स की झलक और तेरे प्यार की ... एक नूर की बूंद मेरे हाथ में थमे . इन साँसों के प्याले में मिल गयी थी ............
21 comments:
वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ।
बहुत खूब ... उम्र भर का बंधन एक घूँट में पी लिया और जी लिया ..
बहुत खूब ... सुन्दर भाव
एक लम्बे अरसे बात फिर आपसे मुखातिब हूँ रंजना जी | बहुत पहले आपको shyeri की किसी साईट पे पढ़ा था .
पुर जिन्दगी का फलसफा कुछ शब्दों में बंधने का हुनर आपके पास बहुत पहले से है | सुन्दर रचना
bahut hi sundar...
कितनी आशाओं में जीती हमारी प्रतीक्षा..
वाह क्या बात कही है. बहुत खूब.
बेहद सुंदर रचना ..
वाह बहुत खूब.... बेहद सुंदर और गहरे विचारों से सुसजित भावमयी रचना.... समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
वाह ....... कम शब्दों में क्या खूब कहा आपने
शुभकामनाये
वाह ...
kya baat hai....sundar
waah...bahut khoob...
वाह! बहुत खूब....
सुन्दर प्रस्तुति...
सादर...
भावपूर्ण प्रस्तुति.
bahut sunder samarpan bhaav hai.
अति सुन्दर
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आह /वाह
आप लिखती बहुत अच्छा है.मै हमेशा आप का ब्लॉग देखता हूँ !
शब्दों का अच्छा समायोजन ..बहत खूब
आभार
बहुत ही सुंदर रचना,
तेरी आँखों की नमी में
अपने दर्द के अक्स की झलक
और तेरे प्यार की ...
एक नूर की बूंद
मेरे हाथ में थमे .
इन साँसों के प्याले में
मिल गयी थी ............
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