अंधेरों में कुछ रोशनी की बात तुम करो
नजर और दामन बचा कर चलने की बात करो
भाषा भी है ,शब्द भी है पास कलम के हमारे
नजर और दामन बचा कर चलने की बात करो
भाषा भी है ,शब्द भी है पास कलम के हमारे
भावों में डुबो कर सही तस्वीर तुम करो
हर एक के हिस्से में हैं यह महफूज चंद साँसे
हर पल यूँ मर के जीने का रियाज न तुम करो
तलाशो न हर गजल के मायने कोई
लफ़्ज़ों का यूँ सरे आम कत्ल न तुम करो
कायम है हर रिश्ता ,यहाँ पर चंद शर्तों पर
दिल से प्यार का सफ़र अब ख्यालों में तय करो
सीखा है मुद्दतों बाद मेरी आँखों ने सोना
झूठे ख़्वाबों का रंग न अब इन में भरो
हर एक के हिस्से में हैं यह महफूज चंद साँसे
हर पल यूँ मर के जीने का रियाज न तुम करो
तलाशो न हर गजल के मायने कोई
लफ़्ज़ों का यूँ सरे आम कत्ल न तुम करो
कायम है हर रिश्ता ,यहाँ पर चंद शर्तों पर
दिल से प्यार का सफ़र अब ख्यालों में तय करो
सीखा है मुद्दतों बाद मेरी आँखों ने सोना
झूठे ख़्वाबों का रंग न अब इन में भरो
27 comments:
Bahut bhub likha hai mam
सीखा है मुद्दतों बाद मेरी आँखों ने सोना
झूठे होते ख़्वाबों का रंग न अब इन में भरो
सीखा है मुद्दतों बाद मेरी आँखों ने सोना
झूठे होते ख़्वाबों का रंग न अब इन में भरो
-वाह!
यूँ भी जागी आँखों के ख्वाब बहुत परेशान किया करते हैं ..
बहुत अच्छी रचना..
--दिवाली की शुभकामनायें रंजू जी..
दीपावली की आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत सुन्दर भाव्।
दीपावली की आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं
bahut khoob
तलाशो न हर गजल के मायने कोई
लफ़्ज़ों का यूँ सरे आम कत्ल न तुम करो
बहुत सुन्दर रचना हैं!
--
प्रेम से करना "गजानन-लक्ष्मी" आराधना।
आज होनी चाहिए "माँ शारदे" की साधना।।
अपने मन में इक दिया नन्हा जलाना ज्ञान का।
उर से सारा तम हटाना, आज सब अज्ञान का।।
आप खुशियों से धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें रंजना जी !
तलाशो न हर गजल के मायने कोई
लफ़्ज़ों का यूँ सरे आम कत्ल न तुम करो
कायम है हर रिश्ता ,यहाँ पर चंद शर्तों पर
दिल से प्यार का सफ़र अब ख्यालों में तय करो
Beautiful !
Shubh Deepawali.
बहुत ही सुन्दर. आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ! !
दीपावली मंगलमय हो.
“नन्हें दीपों की माला से स्वर्ण रश्मियों का विस्तार -
बिना भेद के स्वर्ण रश्मियां आया बांटन ये त्यौहार !
निश्छल निर्मल पावन मन ,में भाव जगाती दीपशिखाएं ,
बिना भेद अरु राग-द्वेष के सबके मन करती उजियार !! “
हैप्पी दीवाली-सुकुमार गीतकार राकेश खण्डेलवाल
इस पावन पर्व पर बेहद सुंदर रचना साझा की आपने.... बेहद अच्छी लगी पंक्तियाँ
दिवाली की शुभकामनायें आपको भी
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामाएं
सीखा है मुद्दतों बाद मेरी आँखों ने सोना
झूठे ख़्वाबों का रंग न अब इन में भरो
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ....
दीपावली की शुभकामनाएं
आपको भी दीपावली की शुभकामनायें... सादर
बहुत सुन्दर। आपको भी सपरिवार दिपोत्सव की शुभकामनाएँ
प्रदूषण मुक्त दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
आपको और आपके परिवार को दीपोत्सव कि मंगलकामनाएँ.
सुन्दर रचना .
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें !
दीपावली की असीम-अनन्त शुभकामनायें.
आपको दीप-पर्व की बधाई !
sundar rachna!
prakashparv ki shubhkamnayen!!!
खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
सादर
डोरोथी.
भाषा भी है ,शब्द भी है पास कलम के हमारे भावों में डुबो कर सही तस्वीर तुम करो - bahut sundar.
ranjana ji ,
bahut hi khoobsurat hai lafjon ka anutha pan liye aapki gazal.
deep -parv ki hardik shubh kamna der
se de rahi hun xhma kijiyega.
poonam
सीखा है मुद्दतों बाद मेरी आँखों ने सोना
झूठे ख़्वाबों का रंग न अब इन में भरो ...
बहुत खूब .... सपने वही होने चाहियें जिनकी ताबीर हो सके ... रंगीन सपने कभी कभी दगा दे जाते हैं ... बहुत गहरा एहसास लिए ये शेब लिखे हैं आपने ...
दीपों का त्यौहार बहुत बहुत मुबारक हो ..
सीखा है मुद्दतों बाद मेरी आँखों ने सोना
झूठे ख़्वाबों का रंग न अब इन में भरो
लाजवाब.........
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