Thursday, September 04, 2008

विरह के दो रंग


सितारों के बीच में
तन्हा चाँद
और भी उदास कर जाता है
तब शिद्दत से होता है
एहसास ..
कि
विरह का यह रंग
सिर्फ़ मेरे लिए नही है ....

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सही ग़लत की उलझन में
बीता जीवन का मधुर पल,
टूटा न जाने कब कैसे
कसमों ,जन्मो का वह नाता
साथ है तो ..दोनों तरफ़
अब सिर्फ़ तन्हाई
जवाब दे जिंदगी
तू इतनी बेदर्द क्यूँ है ?..

20 comments:

Abhishek Ojha said...

जवाब दे जिंदगी... तू इतनी बेदर्द क्यों है? वाजिब सवाल है !

seema gupta said...

"some one said to me once that "kee virah ka kya rang hotta hai muje nahe ptta, lakin ye rang heen bhee nahee hotta"

" youir poem touched me"
Regards

art said...

virah me hi tap kar man swarnim hota hai.......bahut hi sundar aur sajeeli kavita rahi ye bhi

डॉ .अनुराग said...

पहली वाली ज्यादा पसंद आयी .....

Manvinder said...

Ranju...
har baar ki tarha..is baar bhi
fbrha ke sheds khoobsurat h ai..
badhaae

pallavi trivedi said...

bahut khoobsurat dono hi...pahli kuch jyada pasand aayi...

Rakesh Kaushik said...

badhiya hai, bahut hi touching hai.

Arvind Mishra said...

प्राणेर व्यथा ......

रश्मि प्रभा... said...

दोनों कवितायें,छोटी शक्ल में बहुत कुछ कह गए.......

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत सुन्दर भाव हैं।

नीरज गोस्वामी said...

विरह का रंग बहुत शानदार तरीके से उभर कर आया है आपकी रचना में...
नीरज

नीरज गोस्वामी said...

विरह का रंग बहुत शानदार तरीके से उभर कर आया है आपकी रचना में...
नीरज

रंजन गोरखपुरी said...

बहुत खूबसूरत खयाल!!

Advocate Rashmi saurana said...

kya baat hai. bhut sundar rachana. virah ke do rang. bhut badhiya.

mamta said...

बड़ी खूबसूरती से विरह के रंग दिखाए है शब्दों के माध्यम से।

शोभा said...

कुछ प्रश्न हमेशा अनुत्तरित ही रह जाते हैं। भावभरी कविता के लिए बधाई।

Ashok Pandey said...

दोनों भावपूर्ण कविताएं बहुत सुंदर हैं। जहां प्रेम है, वहां विरह तो होगा ही..
और, यह विरह का रंग तो कभी न कभी सभी के जीवन में दिखता है..
तन्‍हा चांद उदास तो करता है, लेकिन तन्‍हाई में साथी बनकर सुकून भी देता है..

सुशील छौक्कर said...

बहुत ही उम्दा। अलग अलग रंग लिए हुए।

Udan Tashtari said...

क्या बात है!आनन्द आ गया.वाह! बहुत सुन्दर.

khushi said...

देखन में छोटन लगैं, पर घाव करैं गंभीर.