जब तुम्हारे दिल में मेरे लिए प्यार उमड़ आये,
और वो तुम्हारी आँखो से छलक सा जाए.......
मुझसे अपनी दिल के बातें सुनने को
यह दिल तुम्हारा मचल सा जाए..........
तब एक आवाज़ दे कर मुझको बुलाना
दिया है जो प्यार का वचन सजन,
तुम अपनी इस प्रीत को निभाना ............
तन्हा रातों में जब सनम
नींद तुम्हारी उड़ सी जाये.......
सुबह की लाली में भी मेरे सजन,
तुमको बस अक़्स मेरा ही नज़र आये......
चलती ठंडी हवा के झोंके ....
जब मेरी ख़ुश्बू तुम तक पहुंचाए .
तब तुम अपना यह रूप सलोना ....
आ के मुझे एक बार दिखा जाना
दिया है जो प्यार का वचन साजन
तुम अपनी इस प्रीत को निभा जाना
बागों में जब कोयल कुके.....
और सावन की घटा छा जाये....
अपनी बाहो के झूले में
मुझे झुलाने को तुम्हारा जी लालचा जाए........
उलझे से मेरे बालों की गिरहा में.....
दिल तुम्हारा उलझ सा जाये .....
आ के अपनी उंगलियो से....
उस गिरह को सुलझा जाना
जो हो तुम्हारे दिल में भी कुछ ऐसा.....
तब तुम मेरे पास आ जाना
पहले मिलन की वो मुलाक़ात सुहानी.....
याद है अभी भी मुझको
तुम्हारी वो भोली नादानी.
मेरे हाथो में अपने हाथो को लेकर ........
गया था तुमने जब प्यार का गीत सुहाना
हो जब तुम्हारे दिल में भी एसी यादो का बसेरा....
तब तुम अपनी प्रीत का वचन निभाना
जो हो तुम्हारे दिल में कुछ ऐसा
तब तुम मुझ तक साजन आ जाना ..
ranju
© All Rights Reserved.
और वो तुम्हारी आँखो से छलक सा जाए.......
मुझसे अपनी दिल के बातें सुनने को
यह दिल तुम्हारा मचल सा जाए..........
तब एक आवाज़ दे कर मुझको बुलाना
दिया है जो प्यार का वचन सजन,
तुम अपनी इस प्रीत को निभाना ............
तन्हा रातों में जब सनम
नींद तुम्हारी उड़ सी जाये.......
सुबह की लाली में भी मेरे सजन,
तुमको बस अक़्स मेरा ही नज़र आये......
चलती ठंडी हवा के झोंके ....
जब मेरी ख़ुश्बू तुम तक पहुंचाए .
तब तुम अपना यह रूप सलोना ....
आ के मुझे एक बार दिखा जाना
दिया है जो प्यार का वचन साजन
तुम अपनी इस प्रीत को निभा जाना
बागों में जब कोयल कुके.....
और सावन की घटा छा जाये....
अपनी बाहो के झूले में
मुझे झुलाने को तुम्हारा जी लालचा जाए........
उलझे से मेरे बालों की गिरहा में.....
दिल तुम्हारा उलझ सा जाये .....
आ के अपनी उंगलियो से....
उस गिरह को सुलझा जाना
जो हो तुम्हारे दिल में भी कुछ ऐसा.....
तब तुम मेरे पास आ जाना
पहले मिलन की वो मुलाक़ात सुहानी.....
याद है अभी भी मुझको
तुम्हारी वो भोली नादानी.
मेरे हाथो में अपने हाथो को लेकर ........
गया था तुमने जब प्यार का गीत सुहाना
हो जब तुम्हारे दिल में भी एसी यादो का बसेरा....
तब तुम अपनी प्रीत का वचन निभाना
जो हो तुम्हारे दिल में कुछ ऐसा
तब तुम मुझ तक साजन आ जाना ..
ranju
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22 comments:
आम जीवन की कुंभलाई जजबातों से उपर तो आपकी रचना हमेशा रहती है…इस कृति में स्नेह की वह पुकार भी है जो प्रित मिलन के क्षण को खोना ही नहीं चाहता…।बहुत सुंदर!!!
अरे हाँ Romantic धुन बहुत जंच रहा है…
जहाँ पर पीला रंग इस्तेमाल किया है अगर उसे थोड़ा और गहरा कर दे तो शायद ज्यादा अच्छा लगे…।
एक एक शब्द से प्रिय से मिलन की च और प्यार झलक रहा है या कहूं उमड़ रहा ह प्यार का सागर.. बहुत कोमल भाव हैं.. स्नेहिल निर्मल.. सुंदर..और दिव्याभ ने ठीक कहा..पीला रंग गहरा कर दें..
वाह रंजना दी क्या बात है बहुत खूब आप तो हरेक को प्यार के रंग में रंग ही देंगी..जो ना जाने प्यार का मोल वह भी जान जायेगा..कि प्यार कहते किसे हैं...बहुत सुंदर रचना है और ये धुन तो बेहद सुहानी लग रही है....बहुत-बहुत शुक्रिया इस बारिश के सुहाने मौसम में सुहानी धुन के साथ आपका ये प्यारा सा मनमोहक अंदाज जो दिल को दूर तक छू गया...
सुनीता(शानू)
बहुत सुंदर गीत है. इसे तो गाकर पॉडकास्ट करना चाहिये आपको. बधाई इस सुन्दर रचना के लिये.
Excelent
its very good dear. sunne me man ko bhata hai lagta hai koi apna ga raha hai
Hello dear,
very nice line are writte by you. very good poem
दरिया के पास रह कर भी सूखे रहे हम
एक क़तरा इश्क़ का समुंदर में बदलता जाता है
चाहा दिल ने बहुत की ढलूं में भी ज़माने के रंग में
पर यह ज़माना ही मेरे रंग में रंगता जाता है
Dariya ke pass..... very nice lines.
khuda kare aap din doguni raat chaugani taraki kare.
Bahut badi writer of poem bano. God always with u.
Have a nice poem.
Sanju
mein bhi apni bhawnaeiye kisi ko batana chahta tha ...par aaj tak batayi nahi ..
ab sochta hun ki uske pass chala hi jau..
thanx for this ...
~~~~~tanuj kumar dogra~~~~~~~
रंजू जी, सुन्दर संगीतमयी रचना है.
Bahut hi sunder bhaav hai kavita ka. " Preet Ka Vachan ". mere ghar per bhi sabhi ne pasand ki hai aapki yeh kavita. Aise hi likhti rahiye, Aapki kavita ke to hum zabardast prashansak hain....
रंजना जी,
प्रणय गीत लिखने में आप माहिर हैं.. यह रचना उस दिशा में एक और मील का पत्थर है..
भावों को आपकी लेखनी ने बहुत सुन्दर रुप से उभारा है इस रचना में.
Bahot sundar Ranjana Ji...!!Behad saral shabdon me aapne bahot hi achhi kavita likhi hai...!!Sachh kahun to saadgi ka ehsas man ko chu gaya.!!Ummid hai ki aage bhi aapki lekhni se aisi hi kuch aur saral aur sampurna rachna niklengi..!!Meri bahot bahot badhayee..!!!
शुक्रिया divyabh.. जिस तरह रचना को समझते हैं लिखने का और दिल करता है
shukriya manaya ...[:)]
shukriya sunita ,,koshish to yahi hai ..ki yahan sab pyaar ke rang mein rang jaaye [:)]
shukriya sameer ji ..gaa ke :) koshish kariye aap :)
shukriya anil ..
shukriya samir ji
shurkiya sanju
shukiriya mohinder ....DR.giri ...
tanuj ..chalo mera likha kuch to kaam aaya :)..
shukriya ...alok ji ...deepak ji...aap sab ke coments mere liye bahut mayane rakahte hain ..aage bhi yun hi hosala dete rahe ..:)
wah wah mam kya baat hai apki rachnaoo mian itni pavitra bhawnaye hoti hai ki kya bataoo. bahut accha lagta hai aapki rachnaye pad kr
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