Friday, March 30, 2007

तुझ बिन ना होगा मेरा गुज़ारा



सजना यह कैसा है प्यार हमारा
ना दुनिया की परवाह है यह जाग से न्यारा

हर पल है बस एक ही आरज़ू दो दिलो की
की मिल जाए कही तो इस दिल को किनारा

कभी ना सोचा था होगा ऐसा
यूँ लूटा बेतेंगे हम चैन हमारा

देखे थे कभी जो स्तरागी सपने इस दिल ने
तेरी आँखो से, बोलो से वोह छलके रंग सारा

मिलता होगा सकूँ किसी को उस खुदा की इबादत से
मेरे होंठो पर जाप तेरा सीने में सुलगे ताप तुम्हारा

एक बार भर ले मुझे अपनी बाहों में सजना
तभी शायद मेरी बेचैन रूह को मिले सहारा

जब मिले तुझसे नयना तब जाना मेरे दिल ने
की सबसे अनमोल है यह प्यार का दिलकश नज़ारा

शायद तुझे कभी चाहा ना हो मेरी अपनी ज़िंदगी में
पर तेरे बिन अब ना होगा मेरे एक पल भी गुज़ारा

4 comments:

Mohinder56 said...

jinke aane ki aas mein,
Hum ne Jindgi Gujar di,
Pass sae hi wo jub gujare,
Toe unhe Bulaaya na gaya.

Pyar bina sub adhura... aap ne abhut achaa likha hae

Soliloquy said...

....शायद तुझे कभी चाहा ना हो मेरी अपनी ज़िंदगी में
पर तेरे बिन अब ना होगा मेरे एक पल भी गुज़ारा ...

bahut sunder, Ranju. Tumare shabdo ki is mala ne jaise dil chhu liya...

रंजू भाटिया said...

SHUKRIYA MOHINDER ...GULSHAN

Mukesh Garg said...

bahut khub ranju ji sajna hai mujhe wah wah