Sunday, March 11, 2007

दे दो कुछ शब्द अपने प्यार के,


दे दो कुछ शब्द अपने प्यार के,
अपना विस्तार अब मुझे करना है

अपने आँसू चुनने को नही कहती अब तुझसे,
क्यूँकी अब मुझे सिर्फ़ हसंना और मचलना है

तेरी आँखो में मुझे दिखता है क्या.....?
तेरी बाहों में मुझे मिलता है क्या.......?
यही आ के तेरे कानो में मुझे कहना है
सच कहती हूँ बस..........
अब मुझे तुमसे प्यार, प्यार और प्यार ही करना है

दे दो कुछ शब्द अपने प्यार के....
अपना विस्तार अब मुझे करना है

नदिया मिले जा कर सागर में,
सागर चूमे साहिल को.......
तू है अब मेरा आकाश......
और तेरी ही धरती मुझे बनाना है

दे दो कुछ शब्द प्यार के
अपना विस्तार अब मुझे करना है

10 comments:

Anonymous said...

hello,
i was just passing by n got to see ur poem.so sweet!this time ur romanticism is cutest!!!
hope u remember me,bhaiya is out of town for long..

Mohinder56 said...

सुन्दर रचना...

दे दो कुछ शब्द अपने प्यार के,
अपना विस्तार अब मुझे करना है
नदिया मिले जा कर सागर में,
सागर चूमे साहिल को.......
तू है अब मेरा आकाश......
और तेरी ही धरती मुझे बनाना है

मैं बोलूं तो ...

मेरा तो जो भी कदम है वो तेरी राह में है
कि तू कहीं भी रहे, तू मेरी निगाह में है

ABHISHEK KUMAR (QAASID) said...

2 good....

रंजू भाटिया said...

thanks aditi .hanaji aapki yaad hai mujhe ...shukriya

रंजू भाटिया said...

shukriya mohinder ji

रंजू भाटिया said...

thanks abhishek

Monika (Manya) said...

Really gr* Ranju jI.. wirah se nikal.. tanhaai se nikal naayika ne prem ki aur kadam badhaayen hain... pyaar ki aisi sadaa sun kar kaun nahi dauda chalaa ayega.... pyaar hi pyaar chhalak raha har shabad me.. aur poorn smarpan ko tatpartaa bhi... too gud.. wish to c more romance b love in future...

D Bloggie said...

gr8

Mukesh Garg said...

esa vistar pad kar dil main pyar ki gehraiyo main dub ajne ka man karta hai

Anonymous said...

Great….. kya-kya aata hai mann mai jab koyi kissi se be-intehaan pyaar kereta hai; aapke shabd wohi bede sunder dhung se kehete hai……. Aap bulkul sehi hai kii ek dosare se saccha pyaar kerena aur kuch nehi ek dosare kaa visthaar kerena hii to hai…. beautiful poetry...