याद रहेगा मुझे ज़िंदगी भर......
वो पहली मुलाक़ात का मंज़र सुहाना....
वो दुनिया से छिप के मिलना मिलाना.......
एक दूसरे को देखते ही अचानक
वो आँखो में चमक का भर जाना
वो पहली बार हाथो का छूना.....
वो तुम्हारा शरारती आँखो से मुस्कराना.......
नमकिन है या मीठा देखने के लिए
छू जाता है दिल को मेरे पीते ही
तुम्हारा वोह गिलासों को बदल जाना.
लबो पे आ के ठहरी थी कई बाते ..........
पर याद रहेगा वोह आँखो से बतियाना........
तुम्हारा मुझे छूने की कोशिश....
और मेरी सांसो का तेज़ हो जाना
मेरे दिल का जोरो से धड़कना और फिर अपनी नज़रे झुकना.....
हर किसी को अपनी और देखते पाते.......
यक़बा-यक मेरा चौंक कर परेशान हो जाना....
याद रहेगा मुझे यह ता-उमर.....
मेरे डर को, मेरी परेशानी को कम करने के लिए
तुम्हारा इस को सच प्यार बताना.........
और फिर एक दूसरे की आँखो मैं झाँकते हुए..
इस मुकदस पवीत्र मोहब्बत पर कहकहे लगाना.............
वो पहली मुलाक़ात का मंज़र सुहाना....
वो दुनिया से छिप के मिलना मिलाना.......
एक दूसरे को देखते ही अचानक
वो आँखो में चमक का भर जाना
वो पहली बार हाथो का छूना.....
वो तुम्हारा शरारती आँखो से मुस्कराना.......
नमकिन है या मीठा देखने के लिए
छू जाता है दिल को मेरे पीते ही
तुम्हारा वोह गिलासों को बदल जाना.
लबो पे आ के ठहरी थी कई बाते ..........
पर याद रहेगा वोह आँखो से बतियाना........
तुम्हारा मुझे छूने की कोशिश....
और मेरी सांसो का तेज़ हो जाना
मेरे दिल का जोरो से धड़कना और फिर अपनी नज़रे झुकना.....
हर किसी को अपनी और देखते पाते.......
यक़बा-यक मेरा चौंक कर परेशान हो जाना....
याद रहेगा मुझे यह ता-उमर.....
मेरे डर को, मेरी परेशानी को कम करने के लिए
तुम्हारा इस को सच प्यार बताना.........
और फिर एक दूसरे की आँखो मैं झाँकते हुए..
इस मुकदस पवीत्र मोहब्बत पर कहकहे लगाना.............
8 comments:
kya baat hai... arey issey achey sey koi kya bayan kareyga koi apni pehli mulakat... bilkul lagta hai jaisey koi sapna hai.... atleast merey sapney mein koi aisey hin milta hai..haahhaaaa
aaj na kahoonga kuch tujh sey..
ki sirf meri saansein baat karna chatin hain tujh sey....
na chahonga dekhna ab kisi aur ko sanam...
merey hons mein rahney ki wajah sirf tu hin hai...
ki p
Pehli mulakat...bahut ache tarike se express kiya hai pehli mulakat ko....padhne pe mehsoos hota hai ki sach pehli mulakat mein hota kya hai.....Ranju ki yahi baat khas hai ki woh kuch bhi likhe usme sachai jhalakti hai....whenever i read something written by Ranju...i always feel she knows the definition of setiments & immotions..This is main point which makes her special from other girls...she can easily understand the feelings of others....i always feel gals r feelingless & imotionless.....but for Ranju my idea is diffrent....she knows how to maintain things.......ek baat aur kahunga mujhe aisa bhi lagta hai ki Ranju is duniya ko bahut kareeb se janti hai....kyon ki woh sab jo Ranju likhti hai...woh itna aasan nahin......
sanjiv.....
पहली मुलाकात का वो मंजर याद आता है,
इठलाकर कर पलकों को झुका कर शबनम को
नजरों में ही रोक लेना…रसीले होंठ…पेशानी हसीं आँखे मिलन की आतुरता भावनाओं के बंद्ध से!!
कई ऐहसासों को छुआ है…शब्दों को बिखेर के…
जो दीदार की चुभन को बढ़ा गया…शायद वो आए अगर है कहीं…!!!सुंदर्।
शुक्रिया अभिषेक .....सपना है सच में यह एक ख़ूबसूरत सा ..जिसने इन एहसासो को जिया वोह कभी भूल नही पाया है ...
:)
शुक्रिया संजीव ...आप ने मेरे लिखे भाव को समझा और दिल से पढ़ा ...और क्या कहूँ ..आपने बहुत कुछ कह दिया मेरे लिए ..मैं बहुत ही संधारण सी लड़की हूँ जो दिल से ज़्यादा सोचती है और लिख देती है [:)]
शुक्रिया दिव्याभ ....आपका जवाब ख़ुद में एक कविता है ..इसके जवाब में कुछ लिखने का दिल हो आया ...
वोह धीमी बरसात थी
मेरी उनसे पेहली मुलाक़ात थी
बिखरी थी ख़ुश्बू हवाओ में
आज यह फ़िज़ा में क्या बात थी
एक ख़ामोश सा तराना गा रहे थे वोह पल
हाँ यही तो उस पहली मुलकात की ख़ास बात थी!!!!!!!
ranju
bahutt pyari lines hain, inke baare mein kuch comment nahi nikalte bass yahi kahungi ki sach ko khubsurti se shairi mein dhalna koi aapse sikhe,,Aur ye kaam koi dil ka khubsoorat insaan hi kar sakta hai..bahut khubsoorat hain aap..
कनफ़ूजिया गया हू , क्या है ये ?
राहुल
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