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Sunday, August 21, 2022

लावा

 एक सन्नाटा

एक ख़ामोशी

किस कदर

एक दूजे के साथ है

"सन्नाटा" जमे हुए लावे का

"ख़ामोशी "सर्द जमी हुई बर्फ की

दोनों एक दूजे के विपरीत

पर संग संग एक दूजे को

निहारते सहलाते से अडिग है

लावा जो धधक रहा है

जब बहेगा आवेग से

तो जमी बर्फ का अस्तित्व

भी नहीं रह पायेगा

हर हसरत हर कशिश

उस की उगलते

काले धुंए में

तब्दील हो जाएगी

तय है दोनों के अस्तित्व का

नष्ट होना ...फिर भी

साथ साथ है दोनों

ख़ामोशी से एक दूजे को सुनते हुए

एक दूजे के साथ रहने के एहसास

को सहते हुए ...

ठीक एक आदम और हव्वा से

जो सदियों से प्रतीक हैं

इसी जमे लावे के

और सर्द होती जमी बर्फ के !!!!


अंबर की एक पाक सुराही..@अमृता कोट्स