उसने कहा था .....
https://youtu.be/tW-c9V9BV0c
यहां आप इसको सुन भी सकते हैं। )
बहुत पुरानी बात नही है , होगी तब की ,जब आदम -हव्वा कुछ समझने लायक भी नही हुए होंगे ।। रोती लड़की को देख ,लड़के ने पूछा "रोती क्यों है इतना ?"
लड़की ने सुबकते हुए कहा "मेरी माँ चली गयी उन सितारों के पास ,"😢
ओह!लड़का सुन कर कुछ परेशान हुआ , फिर बोला ," सुनो! अब जब भी रोना आये तो मेरा नाम लेना , रोना बन्द हो जाएगा
😊
सच्ची ,लड़की बोली ,ऐसे कैसे होगा ?झूठा है तू😢 लड़के ने कहा ,सच्ची मै झूठ नही बोलता ।
लड़की ने यह बात और नाम दिल की गहरी तहों में छिपा लिया । लड़का फुर्र हुआ कहीं, और लड़की गुम हुई कहीं, पर उसके बाद जब भी लड़की को रोना आता तब उसका नाम लेती और आंसू थम जाते ।
एक दिन रोते हुए शीशे में देखा तो अपने सफेद बालों के बीच ,वह लड़का उसको वहां हंसता हुआ दिखा ।
लड़की तब की बेहोश अब जैसे होश में आई और उस लड़के से मिलने की इच्छा हुई और हैरानी भी कि कैसे एक नाम पर उसने अपने आसुंओं को हवा कर के थम जाने दिया।
लड़की ने उसको दिल से तलाशा ,और एक दिन वो लड़का मिला , पर वह तो उसको शुकन्तला के दुष्यन्त सा भूल चुका था ।लड़की ने जब याद करवाया तो जोर से हंसा और बोला "तेरे आंसू तो मेरे नाम के कर्ज़दार हो गए ,अब कैसे चुकाएगी यह क़र्ज़ ?"
लड़की बोली नही जानती ,तू बोल कैसे चुकाऊं ?
लड़के ने कहा ,"अब जब आंसू आये तो मेरा नाम नही लेना क्योंकि मेरा नाम अब किसी और की ज़िन्दगी है ,भूल जा वो बचपना था ,यह सब सच नही होता ।
लड़की अवाक् सी देखती रह गयी ,कैसे माने सच नही होता ,जब यह लड़का सब कुछ उसको भूलने को कह रहा था , वो तो तब भी रो रही थी , कैसे कहे उसको कि तेरे दिए नाम मन्त्र ने तो आज भी उसके आंसू के नमक को कर्ज़दार बना रखा है ।
#झूठे -वादों -के सच वाले किस्से
25 comments:
गज़ब ...... मुझे चंद्रधर शर्मा गुलेरी की ओहनी याद आ रही थी पहले वाक्य से , लेकिन ये तो राधा जैसी निकली ।
शुक्रिया संगीता जी 😊🙏
बहुत बढ़िया।
कहानी ** ये कहीं भी प्रेस हो जाता और गलत शब्द बन जाता ।
https://youtu.be/tW-c9V9BV0c
अब देखिए संगीता जी लिंक सही ओपन हो रहा है ,लाइक और सब्सक्राइब करना ना भूलें धन्यवाद 😊
धन्यवाद जी 😊🙏
आपकी लिखी रचना सोमवार 13 जून 2022 को
पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
प्रभावपूर्ण एवं मर्मस्पर्शी |
प्रेम जब अवचेतन मन का हिस्सा बन जाए तो विस्मृति एक भ्रम की तरह प्रतीत होता है।
मन में टीस जगाती सुंदर कहानी।
सादर।
वाह बढ़िया किस्सा । उसने कहा था नाम से कोई धारावाहिक भी था क्या ।
Thanks😊🙏
वो तो पता नहीं पर इस नाम से एक फेमस कहानी है ,मुझे यह शीर्षक बहुत आकर्षित करता है।
सही कहा आपने ,प्रेम इस तरह का सिर्फ अलौकिक और यादों में होता है। धन्यवाद
धन्यवाद 🙏😊
धारावाहिक का ध्यान नहीं लेकिन दूरदर्शन पर इस कहानी को पिक्चराइज किया था ।
हांजी इस नाम की कहानी पर बना था धारावाहिक, मुझे यह शीर्षक अपनी इस लघु कथा पर सही लगा ,इस शीर्षक में बहुत आकर्षण है। यह लघु कथा मेरी खुद के ही अनुभव पर लिखी मैंने। 😊
मुझे चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की याद आ गई…परन्तु बहुत अलग है …लड़के के मन में कुछ नहीं जबकि लड़की…!!
बहुत मार्मिक….च्द्रधर शर्मा गुलेरी की याद आ गई हालाँकि उससे एकदम विपरीत है…!
ब हुत सुंदर एवं रोचक लघुकथा...
वाकई शीर्षक आकर्षक एवं सटीक है।
..
मर्मस्पर्शी लघुकथा ।
बहुत बढ़िया
हांजी ,यही सच भी है कि सिर्फ लड़की के मन में बात रह गई ,लड़का तो लड़की का नाम भी भूल गया।
हांजी सही कहा आपने ,सिर्फ लड़की के मन में रह गई यह बात, लडका तो लड़की का नाम भी भूल गया था।
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