तेरी कुछ यादे हैं
ख़ुश्बू है और कुछ ख़ाली ख़त है
पास मेरे
जिन्हे मैं आज भी
अपनी तन्हाई में पढ़ लिया करती हूँ
सज़ा है इस दिल में
कोई तेरी ही यादो का ताजमहल
आज भी उसके साए को याद करके तुझे नज़र भर के प्यार कर लेती हूँ !!
ख़ुश्बू है और कुछ ख़ाली ख़त है
पास मेरे
जिन्हे मैं आज भी
अपनी तन्हाई में पढ़ लिया करती हूँ
सज़ा है इस दिल में
कोई तेरी ही यादो का ताजमहल
आज भी उसके साए को याद करके तुझे नज़र भर के प्यार कर लेती हूँ !!
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