Wednesday, September 04, 2013

गुजरे लम्हात




लिखे तो होंगे लफ्ज़ उसने कोरे कागज़ पर
और नाम उसको ख़त का दिया होगा
बदला होगा कुछ ख्वाबों को हकीकत में
और नाम मोहब्बत रख दिया होगा
यूं मिटाया होगा हर फासले को उसने
हर राह से काँटों को चुना होगा
जिस तरफ़ फैली होगी प्यार की खुशबु
उस को अपनी मंजिल कहा होगा

चुरा के रखे लिए होंगे साथ  गुजरे लम्हात
दिल में बसी तस्वीर का सजदा किया होगा
जरुरी नही है मदिर मस्जिद में दुआ करना
जब अपने गीतों में उसने हाल दिल का कहा होगा

ranju bhatia dayari ke panno se ..............

7 comments:

दिगम्बर नासवा said...

चुरा के रखे लिए होंगे साथ गुजरे लम्हात
दिल में बसी तस्वीर का सजदा किया होगा
जरुरी नही है मदिर मस्जिद में दुआ करना
जब अपने गीतों में उसने हाल दिल का कहा होगा ..

हो के मजबूर मुझे उसने बुलाया होगा ... पता नहीं क्यों ये गाना सहज ही याद हो आया ... बहुरत दिल के करीब से लिखा हो जैसे ...

ANULATA RAJ NAIR said...

ये डायरी के पन्ने भी कितने एहसास छुपाये रहते हैं....
बहुत प्यारी पंक्तियाँ

अनु

प्रवीण पाण्डेय said...

उसको मन का हाल बताया,
उसको अपना जान बताया।

मुकेश कुमार सिन्हा said...

aapke shabdon ka jabab nahi...
dil ko chhune layak ..
shandaar
शिक्षक दिवस की शुभकामनायें।

सु-मन (Suman Kapoor) said...

बढ़िया

Nitish Tiwary said...

awesome lines...
welcome u all to my blog.
ek baar jarur padharen..
http://iwillrocknow.blogspot.in/

राजीव कुमार झा said...

बहुत सुन्दर.