Monday, June 17, 2013

अनबुझ सी पहेली

तुझसे जुदा हो कर भी
  कहाँ तुझसे जुदा हो पाई हूँ
तेरी ही सुबह बन के 

  तेरे ही पहलू में सिमट के
लो आज फिर से "मैं" 

 तेरी ज़िंदगी में नयी उमंग लाई हूँ

बसी हूँ तेरे दिल की धड़कन में राग बन के
कभी तेरे ख़्यालो के रंगो में ढली हूँ
हूँ "मैं " ही तो संवाद तेरा अनकहा सा
तेरे गीतो में प्रतिबिंब बन के छाई हूँ

हूँ "मैं" ही  अभिव्यक्ति  तेरी
मैं ही तो तेरा आह्लाद  हूँ
हूँ मैं ही तेरे सांसो का स्वर
मैं ही तो तेरे जीवन का आधार हूँ

बसी हूँ मैं ही तेरी निश्चल हँसी में
तेरे संग तेरी तन्हाई से खेली हूँ
कभी हूँ संग तेरे बन के सावन की घटा
कभी तेरे लिए एक अनबुझ सी पहेली हूँ

पहचान ले मुझे मेरे हमसफ़र अब तो
तेरी महकी सी बातो में, बहकी सी रातो में
संग तेरे बन के नशा कभी बन के महक
तेरे नाम से जुड़ी कोई "नार अलबेली"हूँ 

रंजू ...

16 comments:

ANULATA RAJ NAIR said...

वाह....
अलबेली नार......

बहुत सुन्दर
सस्नेह
अनु

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर और अद्भुत भाव, शुभकामनाएं.

रामराम.

vandana gupta said...

बहुत सुन्दर भाव

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

संग तेरे बन के नशा कभी बन के महक
तेरे नाम से जुड़ी कोई "नार अलबेली"हूँ,,

बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,

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संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

फिर ये अनबूझ सी पहेली कैसे ?????? सुंदर भावभिव्यक्ति

Anju said...

बसी हूँ मैं ही तेरी निश्चल हँसी में
तेरे संग तेरी तन्हाई से खेली हूँ
कभी हूँ संग तेरे बन के सावन की घटा
कभी तेरे लिए एक अनबुझ सी पहेली हूँ
वाह ...खूबसूरत ....

प्रवीण पाण्डेय said...

प्रकृति के भावों को समझ लें तो नारी स्वतः समझ आ जाती है, प्रकृति के समरूप..

प्रतिभा सक्सेना said...

सचमुच पहेली जैसा !

कालीपद "प्रसाद" said...

बहुत सुंदर भावपूर्ण प्रेम की अभिव्यक्ति.
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l

दिगम्बर नासवा said...

समर्पण ही समर्पण का भाव ... मैं ही मैं तो हूं पर तुझसे ही हूं ... लाजवाब ...

के. सी. मईड़ा said...

आपकी भावपुर्ण रचना पढ़ कर अच्छा लगा..

मुकेश कुमार सिन्हा said...

anbujhi si pahelee :)
naar albeli :D

विभूति" said...

bhaut khubsurat...

Unknown said...

shandar...sakhajee.blogspot.in

Asha Joglekar said...

प्यार के कितने रंग ।

Asha Joglekar said...


हूँ "मैं" ही अभिव्यक्ति तेरी
मैं ही तो तेरा आह्लाद हूँ
हूँ मैं ही तेरे सांसो का स्वर
मैं ही तो तेरे जीवन का आधार हूँ

वाह क्या खूब लिखा है ।