टेसू के फूलों में
महकता मौसम है
बहुत नाजुक नशीली
एक छुअन है ....
न जाने क्या बात है
बहुत बैचेन सा मन है..
खिलती हुई सुबह सुनहरी
सांझ के पलकों में हुई मैली
करवट दर करवट बदले रात फिर से
न जाने क्यों दिल में जलन है ...
बहुत बैचेन सा मन है ....
फागुनी हवा के झोंके सताए
नयन प्यासे किस तरह पता उनका पाए
महकी हुई फिजा में क्यों यह अजनबीपन है
एक मीठी मीठी सी रगों में दुखन है ....
बहुत बैचेन सा मन है ....
कैसी है यह बेबसी
जो दिल समझ न पाए
बेजुबान हो कर हर आहट
बुझते सितारों में खो जाए
हर तरफ ख़ामोशी
मेरी बाहों में सूना गगन है
न जाने आज क्यों बैचेन मन है
यादों की दिल में नर्म नाजुक सी छुअन है !!!
18 comments:
मेरी बाहों में सूना गगन है
न जाने आज क्यों बैचेन मन है
यादों की दिल में नर्म नाजुक सी छुअन है !!!sundar Abhivyakti
यह यादें ही हैं ...जिनमें एक अकेले कमरे को महफ़िल ..एक सेहरा को गुलशन ..और अकेलेपन को दोस्त...और कभी अकेले मन को उदासी देने की क़ाबिलियत है ....बहुत सुन्दर .....!!!
यादों की दिल में नर्म नाज़ुक सी छुअन है... लगता है फागुन का असर है.
बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको .
कामदेव का सखा बसंत है। जब भी बसंत आता है तो अपने मित्र को संग लाता है। बसंत की मादकता से भरी बयार जब भी तन मन को स्पर्श करती है तो अपूर्णता का पूरा अहसास करा देती है। यही अपूर्णता मन बेचैन कर देती है।
बसंती रंग से नहाई हुई , बसंत की मादकता लिए हुए और शब्दों की अलंकरिकता से सुशोभित अविस्मरनीय कविता।
हर तरफ ख़ामोशी
मेरी बाहों में सूना गगन है
न जाने आज क्यों बैचेन मन है
यादों की दिल में नर्म नाजुक सी छुअन है !!!
...वाह! लाज़वाब अभिव्यक्ति...
न जाने आज क्यों बैचेन मन है
यादों की दिल में नर्म नाजुक सी छुअन है !!!
वाह ... नाजुक से अहसास ...
अनुपम अभिव्यक्ति
सादर
वासंती मौसम तो ठीक , मगर बेचैनियाँ कैसी !!
यादें जो सिर्फ साथ हैं!
देर तक भीगी हवासेह्मी रही
देर तक हम रास्ते तकते रहे
न जाने आज क्यों बैचेन मन है
यादों की दिल में नर्म नाजुक सी छुअन है !!!उम्दा पंक्तियाँ,,,,
बहुत सुंदर रचना
RECENT POST: पिता.
मेरा भी न जाने आज क्यों बैचेन मन है :-) इन पंक्तियों को पढ़कर और भी बेचैन हुआ जा रहा है !
बेहतरीन कविता!
Nice post.....
Mere blog pr aapka swagat hai
बहुत सुन्दर बासन्ती कविता है रंजू.
मौसम मदमाये तो मन क्या कर जाये?
किसी प्रेम की ताज़ी चुवान का इंतज़ार है ... गहरे एहसास का एहसास है ...
अति सुन्दर भाव हैं.
Aah ye yaden !!!
Bahut bhawbheeni rachna.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ !
सादर
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
अर्ज सुनिये
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