कुछ मेरी कलम से ..संग्रह ....उन दोस्तों के पास भी गया ..जिनसे सिर्फ कुछ समय पहले फेसबुक के जरिये जाना कुछ नमस्ते सी रस्मी बात चीत ..पर संग्रह पढ़ कर उन्होंने जो स्नेह दिया वह अनमोल है मेरे लिए ....जैसे जैसे यह सन्देश मेरे पास आ रहे है ..वैसे वैसे लगता है की लिखना सार्थक हुआ है ...
आपकी
काव्यानुभूतियो को पढ़कर मन प्रफुल्लित हो उठा जितनी बार पढ़ता हूँ उससें
छुपे गहरे निहितार्थ आँखो में पूनम की रोशनी की तरह उजाला भर देते हैं मन
में..े जीवन प्रकृति के हर आयाम और हर रंग को आपनी कविताओ में सुलगते
,तपते,मंजते और मचलते हुआ पाया ..
कभी कल्पनाओ के पर लगाकर ,कस्तूरी
गंध सी,मन मे गुरूत्वाकर्षण उत्पन्नकरती हुई,जिंदगी कब इतने करीब आई ,सें
भी साक्षात्कार करा देती हैं..
तेरे मेरे बीच का फासला ,वक्त का काँटा
और फूल पलाश के ,जमी हुई घुटन ,उलझी गाँठे,विश्वास ,और फिर काँच की दीवार
..यकीनन बेहद सुंदर रचनाये हैं, जो आपके लेखन को एक सुनहरे कीर्ति स्तम्भ
पर ले जाके खड़ा कर देती हैं..
बहुत ही कम समय मिल पाया आपके संग्रह को पढ़ने का पर एक एक शब्द और पंक्ति अपने आप में अदभुत है ..
शुक्रिया अरविन्द जी ...आपका यह स्नेह बहुत अभिभूत कर गया .....
ऐसे ही एक शख्स है ओमप्रकाश नमन जी ..इनका ब्लॉग अभी कुछ दिन पहले ही पढ़ा है बहुत अच्छा लिखते हैं ....इनकी कलम से कुछ शब्द यूँ स्नेह बरसा गए ....
आदरणीया रंजू जी,
नमस्कार!
आपका काव्य संग्रह 'कुछ मेरी कलम से' पढ़ रहा हूँ। आपकी कवितायेँ मेरे
ह्रदय के काफी नज़दीक हैं। जितना पढ़ा है उससे लगता है इस काव्य संग्रह की
लेखिका के साथ-साथ, नायिका भी आप ही हैं। रंजू का रंज मानो तैल चित्र सा
कैनवास पर उतर आया है।
इस प्यार ,इस दर्द की सशक्त अभिव्यक्ति के लिए आपको प्रणाम !
अभी पढ़ना शुरू किया है , पढ़ते पढ़ते आप तक भावनाएं पहुंचाता रहूँगा ..
ये वक्त की साजिश है तनहा है चाँद मेरा
वो वक्त की साजिश थी,था हर तरफ अँधेरा।
जो और की चाहत था, वो हो गया हमारा
हम जिसको चाहते थे वो हो सका न मेरा।
यही दर्द अक्सर संबंधो में मिलता है ...
सही कहा आपने नमन जी ......दर्द ही अपनी बात लफ़्ज़ों में कह जाता है .....शुक्रिया आपका तहे दिल से ..
इन्तजार है मुझे आपके कहे का ..:) कुछ मेरी कलम से ..कुछ आपकी कलम तक :)
9 comments:
अच्छे लोगो का अच्छा साथ
सच कहा जाये तो आपका यह प्रयास बेहद सार्थक एवं सराहनीय है ...सभी के विचारों को ब्लॉग पर साझा करना .... बधाई सहित शुभकामनाएँ
सादर
ham to abhi first page par atke pade hain, sirf book kaa naam hi padh paye :)
बहुत बढिया ………बधाई
so proud of you! love you
बहुत खूब ... सभी दिलचस्प अदाज में हक रहे हैं इस संग्रह की कहानी ...
badhiya..
सुन्दर समीक्षायें..
क्या खूब सजाया अपने शब्दों को
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