कोई तो होता ......
दिल की बात समझने वाला
सुबह के आगोश से उभरा
सूरज सा दहकता
रात भर चाँद सा चमकने वाला
पनीली आखों में है
खवाब कई ...
कोई संजो लेता ..
इन में संवरने वाला
थरथराते लबों पर
ठहरा है लफ्जों का सावन
कोई तो होता ..
इनमें भीगने वाला
दिल की धडकनों में
कांपते हैं कितने ही एहसास
कोई तो होता ..
इन एहसासों को परखने वाला
इक नाम बसा है
अरमानों के खंडहर पर
कहाँ लौट के आता है
फ़िर जाने वाला ...!!!!
रंजू भाटिया
दिल की बात समझने वाला
सुबह के आगोश से उभरा
सूरज सा दहकता
रात भर चाँद सा चमकने वाला
पनीली आखों में है
खवाब कई ...
कोई संजो लेता ..
इन में संवरने वाला
थरथराते लबों पर
ठहरा है लफ्जों का सावन
कोई तो होता ..
इनमें भीगने वाला
दिल की धडकनों में
कांपते हैं कितने ही एहसास
कोई तो होता ..
इन एहसासों को परखने वाला
इक नाम बसा है
अरमानों के खंडहर पर
कहाँ लौट के आता है
फ़िर जाने वाला ...!!!!
रंजू भाटिया
26 comments:
ओह ………दर्द की तहरीर्।
दिल की धडकनों में
कांपते हैं कितने ही एहसास
कोई तो होता ..
इन एहसासों को परखने वाला
इक नाम बसा है
अरमानों के खंडहर पर
कहाँ लौट के आता है
फ़िर जाने वाला ...!!!
kya bat hain bahut khoob
बहुत मार्मिक अहसास..
काश...............
कोई तो होता...................
बहुत सुन्दर भाव,,,,
बहुत ही बेहतरीन रचना....
मेरे ब्लॉग
विचार बोध पर आपका हार्दिक स्वागत है।
दर्द भरी नज़्म ... सच है जाने वाले नहीं आते बस उनकी यादें आती हैं ... मार्मिक प्रस्तुति ...
काश कोई तो होता .... खूबसूरती से लिखे एहसास
ओह कोई तो होता ..गहरे अहसासात !
beautiful creation!
bahut khoob
मार्मिक प्रस्तुति ...बहुत सुन्दर भाव,,,
रंजू जी
बहुत सुन्दर प्रस्तुति......
इक नाम बसा है
अरमानों के खंडहर पर
कहाँ लौट के आता है
फ़िर जाने वाला ...!!!!
बहुत सुनदर
भावनाओं को किस तारतम्यता के साथ इतनी खूबसूरती से है आपने .... क्या बेहतरीन कविता है.
आपकी इस प्रस्तुति को पढ़कर एक पूरान हिन्दी फिल्मी गीत याद आया "कोई होता जिसको अपना हम अपना कह लेते यारों पास नहीं तो दूर ही होता लेकिन कोई मेरा अपना"
गहन भाव लिए ...बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
kismat waalon ko aisaa saath miltaa
badhiyaa rachna
वाह!! दर्द अहसासा!!
दर्द का गाढ़ापन है यहाँ..
gahan bhavon ki sundar abhivyakti .aabhar
YE HAI MISSION LONDON OLYMPIC-LIKE THIS PAGE AND SHOW YOUR PASSION OF INDIAN HOCKEY -NO CRICKET ..NO FOOTBALL ..NOW ONLY GOAL !
कोई तो होता ..
इन एहसासों को परखने वाला
बहुत सुंदर .....
7
रंजू जी ,सचिदानंद जी की एक कविता की पंक्तियाँ आपकी कविता के सन्दर्भ में याद आ रही हैं.
"वो रोगी होंगे प्रेम जिन्हें अनुभव रस का कटु प्याला है,
वो मुर्दे होंगे प्रेम जिन्हें सम्मोहन काली हाला है,
मैंने विदग्ध हो जान लिया ,अंतिम रहष्य पहचान लिया
मैंने आहुति बन कर देखा ,प्रेम यज्ञ की ज्वाला है.
7
रंजू जी ,सचिदानंद जी की एक कविता की पंक्तियाँ आपकी कविता के सन्दर्भ में याद आ रही हैं.
"वो रोगी होंगे प्रेम जिन्हें अनुभव रस का कटु प्याला है,
वो मुर्दे होंगे प्रेम जिन्हें सम्मोहन काली हाला है,
मैंने विदग्ध हो जान लिया ,अंतिम रहष्य पहचान लिया
मैंने आहुति बन कर देखा ,प्रेम यज्ञ की ज्वाला है.
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रंजू जी ,सचिदानंद जी की एक कविता की पंक्तियाँ आपकी कविता के सन्दर्भ में याद आ रही हैं.
"वो रोगी होंगे प्रेम जिन्हें अनुभव रस का कटु प्याला है,
वो मुर्दे होंगे प्रेम जिन्हें सम्मोहन काली हाला है,
मैंने विदग्ध हो जान लिया ,अंतिम रहष्य पहचान लिया
मैंने आहुति बन कर देखा ,प्रेम यज्ञ की ज्वाला है.
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रंजू जी ,सचिदानंद जी की एक कविता की पंक्तियाँ आपकी कविता के सन्दर्भ में याद आ रही हैं.
"वो रोगी होंगे प्रेम जिन्हें अनुभव रस का कटु प्याला है,
वो मुर्दे होंगे प्रेम जिन्हें सम्मोहन काली हाला है,
मैंने विदग्ध हो जान लिया ,अंतिम रहष्य पहचान लिया
मैंने आहुति बन कर देखा ,प्रेम यज्ञ की ज्वाला है.
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रंजू जी ,सचिदानंद जी की एक कविता की पंक्तियाँ आपकी कविता के सन्दर्भ में याद आ रही हैं.
"वो रोगी होंगे प्रेम जिन्हें अनुभव रस का कटु प्याला है,
वो मुर्दे होंगे प्रेम जिन्हें सम्मोहन काली हाला है,
मैंने विदग्ध हो जान लिया ,अंतिम रहष्य पहचान लिया
मैंने आहुति बन कर देखा ,प्रेम यज्ञ की ज्वाला है.
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रंजू जी ,सचिदानंद जी की एक कविता की पंक्तियाँ आपकी कविता के सन्दर्भ में याद आ रही हैं.
"वो रोगी होंगे प्रेम जिन्हें अनुभव रस का कटु प्याला है,
वो मुर्दे होंगे प्रेम जिन्हें सम्मोहन काली हाला है,
मैंने विदग्ध हो जान लिया ,अंतिम रहष्य पहचान लिया
मैंने आहुति बन कर देखा ,प्रेम यज्ञ की ज्वाला है.
रंजू जी ,सचिदानंद जी की एक कविता की पंक्तियाँ आपकी कविता के सन्दर्भ में याद आ रही हैं.
"वो रोगी होंगे प्रेम जिन्हें अनुभव रस का कटु प्याला है,
वो मुर्दे होंगे प्रेम जिन्हें सम्मोहन काली हाला है,
मैंने विदग्ध हो जान लिया ,अंतिम रहष्य पहचान लिया
मैंने आहुति बन कर देखा ,प्रेम यज्ञ की ज्वाला है.
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