रेशमी सपने भी
आंसू के संग बह जाते हैं
वीरान आँखों में
जब यादो के
लम्हे मुस्कारते हैं
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खुद को बहलाने के
अब सब बहाने भी
नाकाम हो चले
जब से दिल ने जाना
कि हर साथ चलने वाला
हमसफर नहीं होता !!
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हकीकत में
ख्वाब
एक फ़साना है
एक साया है दिल में
और उसका चेहरा
खुद बनाना है !!!
रंजना (रंजू ) भाटिया
26 comments:
बहुत ही उम्दा ख्याल्।
वाह...ये चंद लफ्ज़ बहुत गहरी बात कर गए...
वीरान आँखों में यादों के लम्हे .....बहलाने के बहनों का नाकाम होना और उसका चेहरा खुद बनाना ...बहुत दिल से निकली अभिव्यक्ति....
इन चंद लफ़्ज़ों में तो बहुत कुछ समां गया ..बहुत सुन्दर.
रेशमी सपने भी
आंसू के संग बह जाते हैं
वीरान आँखों में
जब यादो के
लम्हे मुस्कारते हैं..
wah wah .. kya bat hai.. har nagma apne aap me kuchh khas hai..
waah..........
yaden har samay muskurane ke liye hote hain.......chahe jaise ho...katu ho ya khubsurat!!
ek behad achchhi rachna!!
रेशमी सपने भी
आंसू के संग बह जाते हैं
वीरान आँखों में
जब यादो के
लम्हे मुस्कारते हैं
-वाह! बहुत कोमल भाव!
सत्य और रोमान का फर्क -मगर फिर भी दुनिया इतनी बुरी नहीं है ..मुस्कुराईये !
sach lagti hain sari dil ki baate.
बहुत सुंदर.... अंतिम रचना बहुत अच्छी लगी....
सभी छोटी कवितायेँ अच्छी लगीं.
खास कर आखिर वाली
'हकीकत में
ख्वाब
एक फ़साना है
एक साया है दिल में
और उसका चेहरा
खुद बनाना है !!!'
--बहुत ही खूबसूरत !
aafareen....umdaa...behtareen!
सुन्दर है ये ताना बाना , और सटीक बात 'उसका चेहरा खुद बनाना भी है '...और अपना दिल बहलाना भी है ।
"हकीकत में
ख्वाब
एक फ़साना है
एक साया है दिल में
और उसका चेहरा
खुद बनाना है !!!"
bahut khoobsoorat, bahut hi khoobsoorat..
कि हर साथ चलने वाला
हमसफर नहीं होता !!
hum....some times life give us some words...
हकीकत में
ख्वाब
एक फ़साना है
एक साया है दिल में
और उसका चेहरा
खुद बनाना है ...
बहुत खूब ... अपने ख्वाब की ताबीर जब खुद ही करनी है तो उसके रंग और उसमे तस्वीर भी तो खुद ही लगानी चाहिए ...
बहुत ही लजवाब हैं सब नाज़्में ....
बहुत ही सुंदर कविताएं भा गईं मनको । खयाल को चेहेरा बनाने वाली बात कमाल की ।
कि हर साथ चलने वाला
हमसफर नहीं होता !!
i don't know that much hindi, but i understood it. it is really touchy.
जिन्दगी ऐसी ही है बस यूं ही लम्हें आते हैं और कुछ खट्टी मीठी यादें देकर चले जाते हैं
उम्दा ही नही... लफ्जो का समा है...जिसमे बहुत कुछ समाया है।
बहुत बढिया.
जाने नवरात्रे के बारे मे
ruma-power.blogspot.com पर
रंजू जी सब से पहले तो क्षमा चाहती हूँ बहुत दिन से ब्लाग पर आ नही पाई। आपका ब्लाग लिन्क नही था मेरी पहली ब्लागलिस्ट गलती से डिलीट हो गयी थी। अब नई बनाई है। आज किसी ब्लाग पर लिन्क देखा तो चली आयी और सेव कर लिया है। कैसी हैं आप?
रेशमी सपने भी
आंसू के संग बह जाते हैं
वीरान आँखों में
जब यादो के
लम्हे मुस्कारते हैं
बहुत अच्छी लगी सभी रचनायें। बहुत बहुत शुभकामनायें
इन छोटी सी क्षणिकाओं में जीवन का रस है भरा हुआ।
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पॉल बाबा का रहस्य।
आपकी प्रोफाइल कमेंट खा रही है?.
चंद लफ्जों में भी बहुत कुछ कह दिया है आपने।
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नाग बाबा का कारनामा।
महिला खिलाड़ियों का ही क्यों होता है लिंग परीक्षण?
bahut kubh...
हर साथ चलने वाला
हमसफर नहीं होता !!
aur...
har musafir manzil ka mohtaj nahi hota...
pyar ka matlove mene aaj tak nahi samaj paya pyar akhir hota kya hai or ye usi se kyo hota hai jo use mil nahi sakta akhir ye dil kyo rota hai jab bo milte nahi hai please mujhe in sawalo ko jawab do nahi to me pagal ho jaunga
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