१)सपने देखना
बंद पलकों में
क्यों कि उन में उड़ने के
कुछ पर होंगे
दुनिया देखना
तो आँख खोल के
यहाँ उन
सपनो के टूटे पर होंगे
२)रात के घने अंधेरे
कैसे सब फ़र्क
मिटा जाते हैं
अलग अलग वजूद
अलग राह के
मुसाफिर की परछाई को
एक कर जाते हैं
रोशन होते ही
हर उजाले में
यह छिटक कर
अलग हो जाते हैं
रंजना (रंजू ) भाटिया
23 comments:
सपने तो बंद आखों से ही देखे जाते हैं पर हकीकत........खुली आंखों से कठोर धरातल पर ।
मुसीबत में सब इन्सान बराबर हो जाते हैं पर उसके
टलते ही उनका अलग अलग वजूद उन्हें अलग कर देता है ।
सुंदर रचनायें ।
ख्वाब में जीना जीने के पल दे जाता है..तो हकीकत वो पल छीन लेती है...आप के दोनों रचनाएँ येही भाव लिए लगीं..प्रभावी अभिव्यक्ति.
आभार.
waah pahli kshanika bahut damdaar aur bahut gahri rahi. badhayi.
बहुत सुंदर लगी आप की दोनो कवितये
यहाँ उन
सपनो के टूटे पर होंगे
आसपास नज़र उठाकर देखिये
वहाँ कुछ वहशी इंसानों का घर होगा
दुनिया देखना
तो आँख खोल के
यहाँ उन
सपनो के टूटे पर होंगे
इन पंक्तियों पर आह और वाह साथ साथ ही मन से निकली .
रात के घने अँधेरे ....बहुत उम्दा सोच...
रात के मुसाफिर दिन में अजनबी बन जाते हैं
है ना
दोनों रचनाएँ बेहद खूबसूरत.
aapki rachna padhnaek alag sa ehsaas de jata hai
dono hi rachnayein beshkimti..........alag alag bhav liye magar phir bhi ek doosre se judi huyi.
बहुत सुन्दर रचना है जी!
राम-राम!
दोनों ही रचनाएँ बहुत गहरे भाव लिए हुए..अच्छी लगीं.
सपनों और दुनिया देखने का नजरिया पसंद आया...
बहुत खूब, यह दुनिया भी तो एक स्वप्न ही है, एक लंबा (या छोटा) स्वप्न
रोशन होते ही
हर उजाले में
यह छिटक कर
अलग हो जाते हैं
बहुत सुंदर
bahut khub
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
प्रभावशाली अभिव्यक्ति के साथ.... बहुत सुंदर रचनायें...
बहुत खूब ... क्या बात कही है .. सपने देखना आँखें बंद कर के .. सपनों के पर होते हैं ... आपकी कल्पना बहुत डोर तक जाती है ... शब्दों का चयन बहुत ही कमाल का होता है ...
दुनिया देखना
तो आँख खोल के
यहाँ उन
सपनो के टूटे पर होंगे
बहुत ही मर्मस्पर्शी बात कह दी...और बिलकुल सच्ची...
अन्दर तक छू गयी ।
दोनों रचनाएँ बहुत सुन्दर है ! हकीक़त बड़ी बेदर्द होती है ... और सपना और हकीक़त में बहुत अंतर होता है ।
Behad sashakt rachnayen hain dono..wah!
सुंदर मनोभाव।
वाह! बहुत खूब! लाजवाब! हर एक शब्द दिल को छू गयी! बेहद सुन्दर और भावपूर्ण रचना!
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