बन रही है यह ज़िंदगी एक रास्ता भूलभुलैया सी
वो कहते हैं अब अपनी मंज़िल कहीं और तलाशिये
खत्म होने को है अब सब बातें प्यार की
अब कोई नया दर्द और नया शग़ल तलाशिये
नाकाम है सब हसरतें इस पत्थर दिल संसार में
जाइए अब नया शहर ,कोई नया युग तलाशिये
दिखता नही नज़रों में इजहार अब किसी भी बात का
अब कहाँ हर इंसान में यह रूप आप तलाशिये
जागती आँखो में ना पालिए अब कोई नया ख्वाब
समुंद्र से गहरे दिल का बस किनारा तलाशिये
होते नही अब वो ख़फा भी मेरी किसी बात पर
प्यार पाने का उनसे कोई नया अंदाज़ तलाशिये!!
वो कहते हैं अब अपनी मंज़िल कहीं और तलाशिये
खत्म होने को है अब सब बातें प्यार की
अब कोई नया दर्द और नया शग़ल तलाशिये
नाकाम है सब हसरतें इस पत्थर दिल संसार में
जाइए अब नया शहर ,कोई नया युग तलाशिये
दिखता नही नज़रों में इजहार अब किसी भी बात का
अब कहाँ हर इंसान में यह रूप आप तलाशिये
जागती आँखो में ना पालिए अब कोई नया ख्वाब
समुंद्र से गहरे दिल का बस किनारा तलाशिये
होते नही अब वो ख़फा भी मेरी किसी बात पर
प्यार पाने का उनसे कोई नया अंदाज़ तलाशिये!!
44 comments:
होते नही अब वो ख़फा भी मेरी किसी बात पर
प्यार पाने का उनसे कोई नया अंदाज़ तलाशिये.
वाह ! बहुत खूब!क्या बात है!
पूरी रचना में अहसासों की सुन्दर बुनावट है.
"नाकाम है सब हसरतें इस पत्थर दिल संसार में
जाइए अब नया शहर ,कोई नया युग तलाशिये।"
गजब मारक है ..!
आभार..!
खत्म होने को है अब सब बातें प्यार की
अब कोई नया दर्द और नया शग़ल तलाशिये
बहुत खूब....
दर्दे गम इस कदर है जिंदगी में कि
दर्द ना हो तो जिंदगी बेकार लगती है
होते नही अब वो ख़फा भी मेरी किसी बात पर
प्यार पाने का उनसे कोई नया अंदाज़ तलाशिये!!
वाह...बहुत सुन्दर ..
याद नहीं आ रहा किनका है पर एक शेर अर्ज़ है
"नक्शा उठा के देखिये कोई नया शहर
लीजिये इस शहर में तो सबसे मुलाक़ात हो गयी "
यह पोस्ट पढ़ कर यही शेर याद आया/
होते नही अब वो ख़फा भी मेरी किसी बात पर
प्यार पाने का उनसे कोई नया अंदाज़ तलाशिये!!
बदलाव जीवन का नियम है तो हर पल कुछ नया तलाशते ही रहना चाहिए , शायद यही जिन्दगी है । आज पहली बार आपके ब्लाग पर आना हुआ , अच्छा लगा आकर...सीमा सचदेव
बहुत खूब... नया अंदाज तलाशिये.
बन रही है यह ज़िंदगी एक रास्ता भूलभुलैया सी
वो कहते हैं अब अपनी मंज़िल कहीं और तलाशिये
खत्म होने को है अब सब बातें प्यार की
अब कोई नया दर्द और नया शग़ल तलाशिये
हमेशा की तरह सुंदर रचना। आभार।
खत्म होने को है अब सब बातें प्यार की
अब कोई नया दर्द और नया शग़ल तलाशिये..
पूरी रचना बेहद खूबसूरत है,बधाई.
नाकाम है सब हसरतें इस पत्थर दिल संसार में
जाइए अब नया शहर ,कोई नया युग तलाशिये
हमारे दिल की बात कह दी।
वाह गोया खफा होना भी प्यार का एक अहसास है -बहुत खूब रंजना जी !
नाकाम है सब हसरतें इस पत्थर दिल संसार में
जाइए अब नया शहर ,कोई नया युग तलाशिये ..
नया शहर भी अगर पत्थरों का हुवा तो क्या कीजेगा ... जो कुछ पाना है यहीं तलाशना पढ़ेगा ...
बहुत अच्छे जज्बातों से बुने हैं सब शेर ...
बन रही है यह ज़िंदगी एक रास्ता भूलभुलैया सी
वो कहते हैं अब अपनी मंज़िल कहीं और तलाशिये
सुन्दर रचना बहुत खूब
खफा होना और प्यार... वाह वाह ! मुझे अपनी पोस्ट याद आ गयी: http://ojha-uwaach.blogspot.com/2008/02/blog-post.html
खत्म होने को है अब सब बातें प्यार की
अब कोई नया दर्द और नया शग़ल तलाशिये
जागती आँखो में ना पालिए अब कोई नया ख्वाब
समुंद्र से गहरे दिल का बस किनारा तलाशिये
जागती आँखो में ना पालिए अब कोई नया ख्वाब
समुंद्र से गहरे दिल का बस किनारा तलाशिये
बहुत खूब, नया अंदाज तलाशिये.हमारे दिल की बात कह दी।
वाह वाह जी बहुत सुंदर ओर अहसासो ओर भावो से भरपुर
धन्यवाद
खत्म होने को है अब सब बातें प्यार की
अब कोई नया दर्द और नया शग़ल तलाशिये
जागती आँखो में ना पालिए अब कोई नया ख्वाब
समुंद्र से गहरे दिल का बस किनारा तलाशिये
जागती आँखो में ना पालिए अब कोई नया ख्वाब
समुंद्र से गहरे दिल का बस किनारा तलाशिये
बहुत खूब, नया अंदाज तलाशिये.हमारे दिल की बात कह दी।
bahut hi sundar talash...
badhai!!!!!!!!!!!!
जागती आँखो में ना पालिए अब कोई नया ख्वाब
समुंद्र से गहरे दिल का बस किनारा तलाशिये
बहुत-बहुत सुन्दर रचना है रंजना जी. बधाई.
wow !!!!!!!!!!!!!
bahut khub
पूरी रचना में अहसासों की सुन्दर बुनावट है.
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
क्या बात है..ग़ज़ल की बात..! ये भी खूब अदा है आपकी
खत्म होने को है अब सब बातें प्यार की
अब कोई नया दर्द और नया शग़ल तलाशिये
--वाह!
लगता है जैसे हकीकत उड़ेल दी हो आपने रंजना जी !
शुभकामनायें
@ बन रही है यह ज़िंदगी एक रास्ता भूलभुलैया सी
वो कहते हैं अब अपनी मंज़िल कहीं और तलाशिये....
बना कर जिन्दगी भूलभुलैया सी ...कहते हैं वो मंजिल कही और तलाशिये ...
वाह ...
@ होते नही अब वो ख़फा भी मेरी किसी बात पर
प्यार पाने का उनसे कोई नया अंदाज़ तलाशिये...
कहा सीखी है जालिम ने अदा या ना रूठ पाने की ....!!
ग़ज़ल बहुत भायी ...
बहुत सुन्दर!
घुघूती बासूती
बन रही है यह ज़िंदगी एक रास्ता भूलभुलैया सी
वो कहते हैं अब अपनी मंज़िल कहीं और तलाशिये
वाह बहुत खूब .....!!
खत्म होने को है अब सब बातें प्यार की
अब कोई नया दर्द और नया शग़ल तलाशिये
क्या हो सकता है .....??
नाकाम है सब हसरतें इस पत्थर दिल संसार में
जाइए अब नया शहर ,कोई नया युग तलाशिये
दुनिया खत्म हो तो चैन आये .....!
होते नही अब वो ख़फा भी मेरी किसी बात पर
प्यार पाने का उनसे कोई नया अंदाज़ तलाशिये!!
ये लाजवाब बात कही .....!!
बहुत खूब ......!!
दिखता नही नज़रों में इजहार अब किसी भी बात का
अब कहाँ हर इंसान में यह रूप आप तलाशिये
-क्या बात कही है, बहुत खूब!!
खत्म होने को है अब सब बातें प्यार की
अब कोई नया दर्द और नया शग़ल तलाशिये
बहुत खूब
ab kaha aur apni manjil talashe-galib......
manjilein kaha koi bar bar badalta hai.....
;)
सुन्दर भाव भरी रचना के लिये बधाई....
मेरे शब्दों में
कुछ दूर यूंही चल कर क्यूं ठहर जाती है जिन्दगी
फ़िर बीती यादों को अक्सर दोहराती है जिन्दगी
पहले पहल तलाशती है अपने लिये इक मुमाम
और फ़िर खुद इक तलाश बन जाती है जिन्दगी
आपकी सुंदर कविता के लिए तारीफ है कम, टिपण्णी करने के लिए कुछ और तलाशिये
होते नही अब वो ख़फा भी मेरी किसी बात पर
प्यार पाने का उनसे कोई नया अंदाज़ तलाशिये!!
सुन्दर भाव भरी रचना के लिये बधाई....
वाह...वाह...वाह...
गहन भावों की सुन्दर हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति...
बहुत ही सुन्दर रचना ....
होते नही अब वो ख़फा भी मेरी किसी बात पर
प्यार पाने का उनसे कोई नया अंदाज़ तलाशिये.
बहुत खूब ...सुन्दर रचना
aur shayad yeh talash hi zindagi mein aage badhne ki ek khoobsoorat wajeh hoti hai
दिखता नही नज़रों में इजहार अब किसी भी बात का
अब कहाँ हर इंसान में यह रूप आप तलाशिये
-janaab waqt hi nahi kisi k paas izhaar karne ka....shadiya hi jab net k zariye hone lagi he to kya ummeed kar sakte hai?
जागती आँखो में ना पालिए अब कोई नया ख्वाब
समुंद्र से गहरे दिल का बस किनारा तलाशिये
niche ki line bahut gehri aur sateek baat kah gayi.
har sher lajawaab.
जागती आँखो में ना पालिए अब कोई नया ख्वाब
समुंद्र से गहरे दिल का बस किनारा तलाशिये
बहुत खूब....सुंदर रचना।
दिलचस्प तलाश है भाई !!
जीवन एक प्यास है
सभी को कुछ तलाश है.
प्यार से निराशा के बावजूद उसे पाने की ललक को क्या खूब बयां किया है । वाह रंजू जी ।
होते नही अब वो ख़फा भी मेरी किसी बात पर
प्यार पाने का उनसे कोई नया अंदाज़ तलाशिये।
"खत्म होने को है अब सब बातें प्यार की
अब कोई नया दर्द और नया शग़ल तलाशिये"
नया दर्द प्यार जितना मीठा कहाँ होगा..
"नाकाम है सब हसरतें इस पत्थर दिल संसार में
जाइए अब नया शहर ,कोई नया युग तलाशिये"
घोर कलयुग है.. मै तो प्रलय चाहता हू.. नये युगो का तभी आगाज़ होगा.. नये शहर तभी बसेगे..
"होते नही अब वो ख़फा भी मेरी किसी बात पर
प्यार पाने का उनसे कोई नया अंदाज़ तलाशिये!!"
वाह, बहुत रोमान्टिक ..सुन्दर..
achchi rachna aur janmdin mubarak...
http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/
जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएँ ...
खत्म होने को है अब सब बातें प्यार की
अब कोई नया दर्द और नया शग़ल तलाशिये
हमेशा की तरह सुंदर रचना। आभार।
नाकाम है सब हसरतें इस पत्थर दिल संसार में
जाइए अब नया शहर ,कोई नया युग तलाशिये
दिखता नही नज़रों में इजहार अब किसी भी बात का
अब कहाँ हर इंसान में यह रूप आप तलाशिये
जागती आँखो में ना पालिए अब कोई नया ख्वाब
समुंद्र से गहरे दिल का बस किनारा तलाशिये
होते नही अब वो ख़फा भी मेरी किसी बात पर
प्यार पाने का उनसे कोई नया अंदाज़ तलाशिये!!
bahut khoob ji!!!
sadhuwaad!!!!
ab na rahega dil main mere
koi bhi apna ghar banakar
sab se kah do meet jaakar
ko makaaan duja talashoo!!!
रंजना जी,
बहुत ही नाराजी भरी सी नज़्म बहुत कुछ कह जाती है बिल्कुल बीता हुआ सा।
आखिरी अशआर में तो जैसे रिश्तों को एक नई परिभाषा दी है, मुआफ कीजियेगा यह बात मुझे कुछ अपने हालातों सी लगी।
होते नही अब वो ख़फा भी मेरी किसी बात पर
प्यार पाने का उनसे कोई नया अंदाज़ तलाशिये!!
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
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