बहुत सोचता है मेरा दिल तुम्हारे लिए
बहुत सी बातें कह कर भी
कुछ अनकहा सा रह जाता है
कुछ अनकहा सा रह जाता है
मेरे दिल में तुम्हारे लिए
एक प्यार का सागर लहरता है
एक प्यार का सागर लहरता है
फिर भी ना जाने यह दिल
अनचाहा सा सवाल क्यों कर जाता है
अनचाहा सा सवाल क्यों कर जाता है
पूछता है दिल मेरा अक्सर ......
क्या मेरे प्यार का गहरा सागर
प्यास बुझा सकता है तुम्हारी???
प्यास बुझा सकता है तुम्हारी???
मेरा प्यार तुम्हारे आँगन में बंध कर
क्या गीत ख़ुशी के गा सकता है???
क्या गीत ख़ुशी के गा सकता है???
छाया रहता है तुम्हारे जहन पर भी
मेरे प्यार का गहरा क़ाला बादल...........
मेरे प्यार का गहरा क़ाला बादल...........
पर क्या यह मुझ पर बरस सकता है ???
क्या यह मुझको भीगो सकता है ???
अक्सर बेबस से कर जाते हैं यह सवाल मुझको..
दिल में एक अनजानी सी चुभन दे जाते हैं मुझको......
फिर ना जाने क्या सोच कर........
यह दिल खिल सा जाता है
जब कभी तुम्हारी दिल की लहरो से उठता प्यार ......
मेरे दिल की लहरो से टकरा जाता है
तुम्हारा बस यही एक पल का प्यार ..........
जैसे मेरी दुनिया ही बदल जाता है
और मेरे सारे सवालो को ......
जैसे एक नयी राहा दिखा जाता है !!
37 comments:
बहुत उम्दा, शुभकामनाएं.
रामराम.
बहुत ही प्यारी रचना पढने को मिली.
"बहुत सी बातें कह कर भी
कुछ अनकहा सा रह जाता है"
बहुत खूब!
बहुत दिन बाद आपको पढ़ पाया , सरल और दिल में उतरती भाषा के लिए प्रणाम रंजना जी !
प्यार सचमुच पल भर में ज़िन्दगी बदल देता है..... कई सवालों के जवाब जो मिलते नहीं.... वो सिर्फ एहसास में ही मिल जाते हैं..... और जब जवाब मिल जाते हैं....तो राह वाकई में आसान हो जाती है....
बहुत सुंदर पंक्तियों और फोटो के साथ बहुत सुंदर कविता....
behad sundar abhivyakti.
"बहुत सी बातें कह कर भी
कुछ अनकहा सा रह जाता है"
यही अनकहा सवाल बन कर पूछता रहता है । बहुत सुन्दर कविता है शुभकामनायें
एक खूबसूरत ख्याल सुंदर भावनाओं से ओतप्रोत....ऐसी अभिव्यक्ति कहीं कहीं ही देखने को मिलती है...बहुत बढ़िया भाव...इस रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई...आगे भी उम्मीद कर रहे है ऐसे बेहतरीन रचनाओं का...धन्यवाद
और मेरे सारे सवालो को ......
जैसे एक नयी राह दिखा जाता है !!
यही जी वन है जो जीने की प्रेरणा देता है. बहुत-बहुत खुबसूरत खयाल - आभार.
अच्छी कविता
कुछ अनकहा सा रह जाता है मेरे दिल में तुम्हारे लिए
एक प्यार का सागर लहरता हैफिर भी ना जाने यह दिल
अनचाहा सा सवाल क्यों कर जाता है
बहुत खूबसूरती से भावों को उकेरा है....बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
बहुत सुंदर रचना
बहुत कुछ कह कर अनकहा कहने वाला अंदाज अच्छा लगा. कविता में कुछ ख़ास रूचि नहीं है लेकिन यह कविता पढ़ कर लगा की वाकई आप बधाई की पात्र है. फर्क मात्र इतना है की आप शब्दों को पिरो कर कविता लिखती है और मै गुफ्तगू करता हूँ. मेरी गुफ्तगू में भी आपका स्वागत है. www.gooftgu.blogspot.com
बहुत सुन्दर, एक उम्दा रचना !
khoobsurat abhivyakti
one of the best from your magical pen.
फिर ना जाने क्या सोच कर........
यह दिल खिल सा जाता है
जब कभी तुम्हारी दिल की लहरो से उठता प्यार ......
मेरे दिल की लहरो से टकरा जाता है
तुम्हारा बस यही एक पल का प्यार ..........
जैसे मेरी दुनिया ही बदल जाता है
और मेरे सारे सवालो को ......
जैसे एक नयी राहा दिखा जाता है !!
बहुत सुन्दर रचना है!
कभी-कभी मुझे तो हैरानी सी भी होती है कि कोई आखिर इतना श्रृंगार-रस कैसे लिख सकता है. बहुत सुंदर.
बहुत ही प्यारी रचना पढने को मिली.
बेहद खूबसूरत लिखा आपने .....
अक्सर बेबस से कर जाते हैं यह सवाल मुझको..
दिल में एक अनजानी सी चुभन दे जाते हैं मुझको......
यह लाइनें kuchh kah गईं.sundar rachna.
फिर ना जाने क्या सोच कर........यह दिल खिल सा जाता है जब कभी तुम्हारी दिल की लहरो से उठता प्यार ......मेरे दिल की लहरो से टकरा जाता है तुम्हारा बस यही एक पल का प्यार .......... जैसे मेरी दुनिया ही बदल जाता है और मेरे सारे सवालो को ......जैसे एक नयी राहा दिखा जाता है
yahi panktiya apne aap me aapki har kashmokash ka jawaab hai...bas in aasha ki lehro ke sath behti chalo fir kyu sawal uthte hai...khud me aur us me vishwas rakho baaki sab sochna chhod do...aur fir bolo ...aaaaaaaaaaaallllll is welllll
bas fir sab kuchh theeeeeeeeeeek.
सहजतः आभिव्यक्त भाव ।
सुन्दर रचना । आभार ।
बेहतरीन प्यारी सी रचना के लिए बधाई!!
लाजवाब व खूबसूरत रचना , बहुत खूब ।
प्रेम की पींग को जब कोई अपनी उड़ान से जोड़ता है ........ तो एहसास सातवाँ आसमान छू लेता है .......... प्रेम के सागर में जब नेह का दरिया मिल जाता है तो दुनिया बदल जाती है ......... लाजवाब रचना है ........
रंजना जी
सुन्दर शब्दों में पली-बढ़ी रचना....आभार!
बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति--हार्दिक शुभकामनायें
पूनम
खूबसूरत... नाजुक !
Komal bhavon ki bhavuk abhivyakti.....
Bhavnaon ke isi aate jaate lahar ka naam to jindgi hai....
Hamesha ki tarah manmohak rachna...
आह..
दिल को छू कर निकल गया...हर हर्फ।
बहुत-बहुत सुन्दर रचना है रंजना जी.
nice poem hai Ranjana ji
कुछ अनकहा सा रह जाता है
मेरे दिल में तुम्हारे लिए
एक प्यार का सागर लहरता है
फिर भी ना जाने यह दिल
अनचाहा सा सवाल क्यों कर जाता है
-बहुत खूब लिखा है!
अच्छी कविता है.
चित्रमय प्रस्तुति भी सुंदर लगी.
फिर ना जाने क्या सोच कर........यह दिल खिल सा जाता है जब कभी तुम्हारी दिल की लहरो से उठता प्यार ......मेरे दिल की लहरो से टकरा जाता है तुम्हारा बस यही एक पल का प्यार .......... जैसे मेरी दुनिया ही बदल जाता है और मेरे सारे सवालो को ......जैसे एक नयी राहा दिखा जाता है !!
एक बहुत अच्छी प्रेम में सराबोर रचना
bahut hi komal si abhiwyakti. badhai.
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