Friday, April 17, 2009

शुक्रिया अनुराग जी

१४ अप्रैल को अपने जन्मदिन पर हिन्दी ब्लाग जगत से बहुत सारी शुभकामनाएं और बधाई संदेश मिले ..हर संदेश प्यार से भरा था ..एक पूरे परिवार के साथ होने का आभास हुआ ...आज अभी सबसे अधिक सुखद आश्चर्य अनुराग अन्वेषी जी से मुझे एक खूबसूरत तोहफे के रूप में मिला ..जब उन्होंने जन्मदिन के अवसर पर मेरे ब्लॉग पर लिखी कविता बहुत दिन हुए ..को अपनी खूबसूरत और प्रभावशाली आवाज़ दी .और उसका शीर्षक लिखा कि मैंने रंजू की कविता चुराई ...:)
मेरी अनुराग जी से विनती है कि वह मेरी सभी कविताएं चुरा के उन्हें अपनी आवाज़ दें दें ..:) .उनका यह तोहफा मुझे बेहद पसंद आया ..आप भी सुनिए ...बहुत बहुत शुक्रिया अनुराग जी और आप सबका ..आप सब का स्नेह और साथ यूँ ही बना रहे ...

30 comments:

PD said...

wah.. :)

सुशील छौक्कर said...

वाकई तोहफा सुन्दर है।

P.N. Subramanian said...

बहुत ही सुन्दर

Udan Tashtari said...

देर से यहाँ-जन्म दिन की शुभकामनाऐं. अनुराग जी की आवाज के तो क्या कहने. यहाँ भी दरवाजा खोले बैठे हैं कि कुछ तो चोरी हो.. :)

Arvind Mishra said...

पुरकशिश आवाज में एक चिर स्मरणीय रचना !

समय चक्र said...

सुन्दर शुक्रिया.

पारुल "पुखराज" said...

hamari bhi der se shubhkaamanyen ranju di...kavita jaa kar suntey hain ..

अनिल कान्त said...

bahut hi khoobsurat ...dono hi

मोहन वशिष्‍ठ said...

रंजना जी सर्वप्रथम तो देरी के लिए आपसे माफ आपको जन्‍मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं थोडी देर से है और अनुराग जी का गिफ़ट सुना बेहतरीन आला दर्जे का है जी बधाई हो आपको भी अनुराग जी को भी

अविनाश वाचस्पति said...

मेरा व्‍यंग्‍य कब चोरी होगा

जन्‍मदिन मेरा अभी दूर है।

संगीता पुरी said...

वाह ... तवदीयं वस्‍तु गोविन्‍दम् तुभ्‍यमेव समर्पये ... बहुत बढिया तोहफा दिया रंजू जी को।

दिनेशराय द्विवेदी said...

इस से मूल्यवान और खूबसूरत उपहार कुछ हो ही नहीं सकता था।

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत बधाई और शुभकमनाए. ईश्वर ऐसी चोरी सबके यहां करवाये. पर बात यह है कि जो मालदार होंगे, चोरी उनके यहां ही संभव है. हम जै्सो का कोई क्या चुरायेगा?:)

रामराम.

रंजना said...

Idhar lagataar hi shahar se bahar rahne ke karan blog jagat se bhi kati rahi.....so aapko shubhkaamnaye bhi na bhej saki...

Chaliye ab le lijiye..

Sachmuch yah uphaar adbhud hai.

Abhishek Ojha said...

वाह ! अनुरागजी चोरी करते रहें और उस चोरी में से हमें हमारा हिस्सा (सुनाने का) मिलता रहे :-)

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

रंजना जी!
चोर को चोरी का निमन्त्रण?
काश यह आमन्त्रण स्वीकार हो जाये।
हमें भी इस लूट का कुछ स्वाद तो
जरूर मिलेगा।

Alpana Verma said...

bahut khubsurat tohfa aur janamdin ek baar phir ,Ranjana ji mubaraq ho..
aur anurag anveshi ji ko dhnywaad sundar prastuti hetu.

[Subah bhi try kiya tha tab nahin sun payi thi.]

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

इसी को तो कहते हैं चोरी और सीनाजोरी :)

Kavita Vachaknavee said...

जन्मदिवस की शुभकामनाएँ।

अर्चना said...

der ho gayi hai,parantu janmdin ki badhaai swikaar karen.wo kawita bhi padhi jise anurag anweshi ne apani awaaj di. ek hi baat dimaag men aai -bahut din ho gaye the itani achchhi kawita padhe hue.

pallavi trivedi said...

belated happy birth day...aapko sachmuch bahut achcha tohfa mila.

गौतम राजऋषि said...

laajawaab tohafaa yakeenan

RADHIKA said...

रंजना जी आपको जन्मदिन की बहुत बहुत बहुत सी शुभकामनाये,वाकई सुंदर तोहफा .आपकी कविता भी बहुत ही सुंदर हैं

vandana gupta said...

ranjana ji
yeh to aapko zindagi ka sabse khoobsoorat tohfa mila hai.
bhagwan kare aapko aise tohfe aur milte rahein.

RADHIKA said...

जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई रंजना जी .वाकई सुंदर तोहफा मिला आपको .

PREETI BARTHWAL said...

वाकई बहुत ही खूबसूरत तोहफा है ये तो । रंजना जी देरी के लिए माफी हमारी तरफ से जन्मदिन की ढेरों बधाईयां।

डॉ. मनोज मिश्र said...

एक बार पुनः जन्मदिवस की शुभकामनाएँ।

हरकीरत ' हीर' said...

आपको तोहफा मुबारक....और जन्मदिन भी ....!!

मोना परसाई said...

der se he sahi par apko happy birthday

Science Bloggers Association said...

आने वाला हर दिन आपके लिए इसी तरह खुशियों का संदेश लाए।

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खुशियों का विज्ञान-3
एक साइंटिस्‍ट का दुखद अंत