आज संगीत दिवस है ..तो आज सुनते हैं यह प्यारा सा गाना सोना की आवाज़ में .एल्बम का नाम है बोलो न .
अभी नही आना सजना
मोहे थोड़ा मरने दे
इन्तजार करने दे
अभी नही आना सजना
भेजियो संदेसा
आप नही आना
थोड़े दूर रह कर मोहे तरसना
अभी तो मैं चाहूँ
सारी सारी रात जगना
अभी नही आना सजना २
रुक रुक आना धीरे धीरे चलना
भूलना डगरिया रास्ते बदलना
नही अभी मोहे नही है गरवा लगना
अभी न जगाओ मन ही मन सपना
अभी संग मुख न लाओ मुख अपना
अभी तो मैं चाहूँ आस लगाये रखना
अभी नही आना सजना ....नही नही आना
अभी आए तो दर नही खोलेंगे
आवाज़ दोगे तो हम नही बोलेंगे
13 comments:
आज संगीत दिवस है? लीजिये हमें याद ही नहीं रहा।
बहुत ही प्यारा गीत सुना कर आपने संगीत दिवस मनाया आपने रंजनाजी
धन्यवाद।
bahut bahut khubsurat geet,pehle kabhi nahi suna tha,sunane ke liye shukrana
संगीत दिवस सफल हो गया रंजू जी...वाह.
नीरज
अच्छा तभी चाँद हमारी खिड़की से झाँका था आज....
मधुर गीत सुनवाने के लिए शुक्रिया।
बडा मधुर गीत सुनवाया आपने ..वाह !
स्नेह
-लावण्या
sundar geet hai..pehley bhi suna hai..shukriyaa
मौके पर बहुत बढ़िया गीत सुनाया. आभार.
good song!
कितने कम शब्द ..ज़माना कितना वाचाल हो गया.
कितना सॉफ़्ट संगीत...कितना ज़्यादा शोर हो गया...
ख़ामोशियाँ क्या इतनी महंगी गईं
नज़र नहीं आजकल सरेराह
संगीत दिवस पर ऐसा सुनना सार्थक होता है
रंजू जी ...सुरीला बना रहे हर पल आपकी ज़िन्दगी मे....बस इसी गीत सा.
संगीत-दिवस तो याद नहीं था किंतु इतनी सुरीली आवाज़ और गायकी से जादू भरा सोना का यह गाना सुनकर हमारा दिन अवश्य सफल हो गया। इतना मधुर लगा कि खाने का समय हो गया था पर खाना गौण सा लगा। यह गाना पहली ही बार सुना है। बार बार सुनने में भी हर बार पहला सा ही आनन्द आता है।
धन्यवाद और बधाई।
हमारे एक मित्र सोना के बहुत बड़े फैन हैं... उनके सौजन्य से ये गीत कई बार सुनना हुआ. शुक्रिया एक बार और सुनवाने का !
सुंदर गीत।
वैसे हमने पहली बार सुना है। शुक्रिया।
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