रंग प्यार का सब तरफ़ हम फैलाये
अब के होली दिल से हम यूं मनाये
बढ़ गए हैं फासले दिलो के दरमियाँ
उस राह को फूलों से हम महकाए
प्यार की सरगम बरसे अब हवा में
डरे हुए दिलो से हर डर हम मिटाए
फाग के रंग अब के कुछ ऐसे महके
हर दिल में खुशी के गीत खिल जाए
रंगोली सजे हर आँगन में रंगीली
हर द्वेष भूल के वीरान बस्तियां बसाए !!
7 comments:
pyar ke rang bikherti sundar kavita,holi ki badhai
रंग भरे हैं जाने कितने,
इस सुन्दर जीवन में
खेलो इनसे तुम जी भर के
और कहो "होली है"
मैं भी लाई हूँ अपने संग
ढेर सारे खुशियों के रंग
भर लो अपनी झोली इससे
याद रखो
"होली है".............
अच्छा रंग डाला प्यार का,
तो मैं भी पीछे नहीं.....
ishvar aapki is manokamna ko purn kare......
वाह !
क्या खूब लिखा ।
रंजू जी आपको होली मुबारक हो।
बहुत सुन्दर!अच्छा लिखा।
होली मुबारक।
आपको भी होली की बधाई :)
स स्नेह आभार कहती हूँ "
"-- लावण्या
क्या खूब लिखा , आप कॊ होली की बधाई
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