Friday, January 25, 2008

आजादी की पूर्व संध्या पर एक सवाल ...

अभी अखबार उठाया तो सामने उसके मेग्जिन सेक्शन मैं कुछ पंक्तियाँ लिखी हुई थी आजादी के ५८ साल और साथ मैं सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता थी ....सोच में है दिल की यह सच है या आज का सच क्या है ?

सिहासन हिल उठे राजवंशो ने भाकुटी तानी थी
बूढे भारत मैं भी आई फ़िर से नई जवानी थी
गुमी हुई आजादी की कीमत सबने पहचानी थी
दूर फिरंगो को करने की सबने मन मैं ठानी थी
चमक उठी सन् सत्तावन में वह तलवार पुरानी थी
बुंदेले हर बोलों के मुहं हमने सुनी कहानी थी
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी

पर आज आजादी के इतने साल बाद आज की अजन्मी बेटी हमसे यह सवाल पूछती है ....


जब में आई कोख में माँ तेरी
दिल में एक नयी ज़िंदगी की उमंग थी
बंद आँखो में भी थे ढेर सारे सपने
और नन्हे नन्हे पैरों में उड़ने की ललक थी


तेरा खाया हर निवाला
मुझ तक आ जाता था
पापा का एक हलका सा साया
मेरे लबो पर मुस्कराहट ले आता था

एक दिन अचानक यह क्या हुआ
मेरे अंदर जैसे कोई दर्द का हादसा हुआ
बिखर गयी मैं कई टुकड़ो में
मेरा हर सपना अब फिर से एक सपना हुआ


जाने कब तक यूँ ही जन्म दर जन्म
मैं बस तेरी कोख में सपने सजाउंगी
जानती हूँ जैसे ही कदम रखूँगी तेरे अंदर
इस जहान से वापस फिर मोड़ दी जाऊंगी !!

आख़िर कब तक मेरा देखा सपना ..
यहाँ सच ना हो पाएगा
क्या मेरा जन्म लेना इस दुनिया में
बस एक सपना ही बन के रह जाएगा

बोलो जवाब दो मुझे कोई .... ??????????


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5 comments:

Gyan Dutt Pandey said...

कुछ जन्म के बाद सतत क्रूरता सहती हैं, कुछ जन्म के पहले। पर प्रत्येक क्रूरता का हिसाब होगा। दैवीय न्याय पर अविश्वास का कोई कारण मुझे नजर नहीं आता।

Anonymous said...

ranju ji there is know answer for this question,unless the devil views of so called indian samaj wont change,nothing will chang.still we hv to mk efforts to change the thoughts.one day may be there will be light in that little girls heart,that she will born on this earth.

aapki kavita bahut sundar hai.
gantantra divas ki badhai.

राकेश खंडेलवाल said...

क्या,कहां कब कौन किसने, किसलिये, क्यों
प्रश्न उठते ही रहे हैं ,रात ने, दिन ने उठाये
आस जिस दिन कल्पना से आ निकल बाहर सकेगी
ज़िन्दगी उस दिन उठे हर प्रश्न का उत्तर बनेगी

शोभा said...

बहुत अच्चा प्रश्न किया है आपने । हम सभी को इसका उत्तर खोजना होगा ।

Asha Joglekar said...

रंजू जी इस सवाल का जवाब हम सब को उठकर देना होगा । बेटी को बराबर हक देकर ।