कुछ समय पहले मैंने लिखा था तेरे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे ..यह पंक्ति थी अहमदाबाद शहर के लिए .एक बार फ़िर से जाना हुआ गुजरात ..और इस बार दिल जीत लिया वहाँ के रहने वालो ने ,हर जगह हमारे लिए नई थी .पर पग पग पर वहाँ के कुछ लोगो ने इतना साथ दिया की नया शहर भी अपना सा लगने लगा चाहे वह हमारे साथ चलने वाला ड्राइवर हितेश हो ..या सोमनाथ मन्दिर ,द्वारका मन्दिर में ऑटो वाला हो ... .......नया साल मनाने की उमंग और बेटी से मिलने की चाह ने दिल को एक महीने पहले ही तैयारी करने को बेताब कर दिया ...बेटी से मिलना और गुजरात घूमने की इच्छा ,और सब बहने और उनके बच्चे साथ ..सच में एक नए साल के स्वागत की नई तैयारी थी ....सफर शुरू हुआ हमारा २६ दिसम्बर से और खत्म हुआ १ जनवरी को ..यह कुछ दिन कैसे पलक झपकते ही गुजरे इसको मेरी बेटी पूर्वा ने बहुत अच्छे से अपनी इस कविता में लिखा है ....इस के बाद मेरे लायक लिखने को क्कुह बचा ही नही ..........हम सबको उसका यह लिखा और पूरी यात्रा को यूं कुछ शब्दों में समेट लेना बहुत अच्छा लगा ...कुछ याद गार लम्हे मैं समय समय पर लिखूंगी जरुर ..पर पहले आप यह पढे और हमारे गैंग के साथ इस यात्रा में शामिल हो जाए :)
इस trip को किया हमने खूब ENJOY
बहुत अच्छे से कहा 2007 को GOODBYE
बहती WAVES के साथ भेज दिया अपने SORROWS को
GANG OF GIRLS ने अकेले घूम के भगा दिया अपने HORRORS को
CRUISE पे DANCE या जगह जगह POSE
मस्ती की WITHOUT TENSION, WITHOUT ANY बोझ
27th को की अहमदाबाद में SHOPPINg
शाम को की US PIZZA में जमकर HOGGING
द्वारका के TEMPLES देखे on 28th
bet द्वारका में नाव में किया बहुत WAIT
एक DIRTY BEACH देखा in Porbandar
29th को गए Gandhiji के घर के अन्दर
थक कर सवारी पहुँची सोमनाथ
GUEST ROOM मिला फ़िर आई जान में जान
30th को हम पहुंचे DIU
PARASAILING से मिला पानी का अच्छा VIEW
पता चला वहाँ की जनता का थोड़ा ढीला है SCREW
पी के टुन्न थे सभी on the BEACH
शक्ल से ही लग रहे थे काफ़ी नीच
ANYWAYS, हमने किया उन्हें ROYALLY IGNORE
और नही करने दिया उन्हें हमें BORE
CRUISE पे मिलाई ताल से ताल
इस तरह we welcomed the नया साल……….पूर्वा द्वारा लिखित:)
इस trip को किया हमने खूब ENJOY
बहुत अच्छे से कहा 2007 को GOODBYE
बहती WAVES के साथ भेज दिया अपने SORROWS को
GANG OF GIRLS ने अकेले घूम के भगा दिया अपने HORRORS को
CRUISE पे DANCE या जगह जगह POSE
मस्ती की WITHOUT TENSION, WITHOUT ANY बोझ
27th को की अहमदाबाद में SHOPPINg
शाम को की US PIZZA में जमकर HOGGING
द्वारका के TEMPLES देखे on 28th
bet द्वारका में नाव में किया बहुत WAIT
एक DIRTY BEACH देखा in Porbandar
29th को गए Gandhiji के घर के अन्दर
थक कर सवारी पहुँची सोमनाथ
GUEST ROOM मिला फ़िर आई जान में जान
30th को हम पहुंचे DIU
PARASAILING से मिला पानी का अच्छा VIEW
पता चला वहाँ की जनता का थोड़ा ढीला है SCREW
पी के टुन्न थे सभी on the BEACH
शक्ल से ही लग रहे थे काफ़ी नीच
ANYWAYS, हमने किया उन्हें ROYALLY IGNORE
और नही करने दिया उन्हें हमें BORE
CRUISE पे मिलाई ताल से ताल
इस तरह we welcomed the नया साल……….पूर्वा द्वारा लिखित:)
14 comments:
behad sundar varnan hai,kho gayi ,samjh rahi thi ye sab hum bhi anubhav kar rahe hai.pic r also beautiful.happy new year.
क्या बात है, अब विस्तृत विवरण की प्रतिक्षा है.
waah kya poem hai.....kisne likhi?? :)
वाह!
बहुत बढ़िया लिखा है तस्वीरें भी बढ़िया है!
चलिए अब अपनी कलम से विस्तृत विवरण भी पढ़वा डालिए
bahut khuub...der se hi sahi aapko naya varsh mubarak ho..pictures bahut achchi lagii...shukriya...
अच्छा तो आप अकेले अकेले पूर्वा के साथ घूम रही थीं हम्म्म कोई बात नही...पूर्वा ने बहुत प्यारी कविता लिखी है...माँ का असर आ गया है उसमें...:)
बहुत प्यारी बिटिया की प्यारी कविता.. तस्वीरे बाते करती हुई..
वाह वाह रंजना जी खूब मज़े किए आपने सही समय चुना आपने गुजरात घूमने का, कविता और तस्वीरें सभी बहुत बढ़िया है आप के साथ साथ हम भो घूम आए ऐसा लगा
कहते हैं "पूत के पाँव पालने में नज़र आ जाते हैं" बिटिया की प्रतिभा देख कर पता लग रहा है की वो अपनी माँ से चार कदम आगे ही जायेगी... बहुत सुंदर वर्णन और चित्र..ये बताईये आप इस रास्ते में आने वाले "चोरवाड़ बीच" और गिर के जंगल को कैसे मिस कर गयीं..?
नीरज
आपका यात्रावृत पढ़कर बहुत अच्छा लगा.
की बोर्ड; जिसे लेखनी कह सकतीं हैं, का भी अच्छा उपयोग आपने किया. सच मानिये इस शुखदानुभव को सबके साथ बांटने के लिए हम आपको हार्दिक धन्यवाद कहते हैं.
आपका यात्रावृत पढ़कर बहुत अच्छा लगा.
की बोर्ड; जिसे लेखनी कह सकतीं हैं, का भी अच्छा उपयोग आपने किया. सच मानिये इस शुखदानुभव को सबके साथ बांटने के लिए हम आपको हार्दिक धन्यवाद कहते हैं.
bahut sunder varnan kya hai , lagta hai aapki ki sagird banne ki puri tyari kar rakhi hai purva ji ne or sath main bahut smart bhi hai,(waah kya poem hai .....kisne likhi ??)ha ha ha any way best of luck purva ji & happy new year
ye happy new year sab ke liye kaha hai akele akele hi na samjhna .
Ranjana G bahut He Accha Likha hai aap nay
aisay he Likhtay rahain We all R Always in Support 2 U
God Bless U
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