हमे सब तरफ़ एक तू ही तू नज़र आए
दिल तलाशता है जिस मंज़र को वो नज़र तो आए
दिल तलाशता है जिस मंज़र को वो नज़र तो आए
हम छोड़ देंगे पीना जाम से सनम
पहले तेरी आँखो में हमे मय मोहब्बत की तो नज़र आए
तय कर लेंगे हम तेरे साथ यह इशक़ का सफ़र
पर तेरे साथ हमे अपनी मंज़िल भी
निभा दी हैं हमने तो मोहब्बत की
तेरी बातो से भी हमे कुछ वफ़ा की महक तो आए
सो जाएँगे तेरे बाहों के घेरे में हम सकूँ की नींद
पर तुझे भी तो कभी हमारी याद इस
13 comments:
रंजू ! बहुत अच्छी लगी रचना ’तू ही नजर आए..’ साधुवाद.. अच्छा लिखती हैं आप..
कवि कुलवंत
आपका ब्लाग डिजाइन बहुत सुंदर है। मैं आपके ब्लाग को अपने ब्लाग पर मेरे कवि दोस्त में जोड़ना चाहता हूँ..
कवि कुलवंत
आपकी गजल, कविताएं, कुछ मेरे बारे में इत्यादि बहुत कुछ पढ़ गया। अच्छा लगा। अति सुंदर। आपकी रचनाओं में कशिश है, पूरा पढ़ने को दिल करता है, एक ठहराव है, एक सोच है..बहुत अच्छा लगा। कभी मुलाकात हो सके तो अच्छा लगेगा।
कवि कुलवंत singhkw@indiatimes.com
खालिस "रंजनाई" कविता।
बढ़िया!!
रजू जी,बहुत बढिया रचना है ।
निभा दी हैं हमने तो मोहब्बत की सब रस्मे
तेरी बातो से भी हमे कुछ वफ़ा की महक तो आए
निभा दी हैं हमने तो मोहब्बत की सब रस्मे
तेरी बातो से भी हमे कुछ वफ़ा की महक तो आए
--बढ़िया. लिखती रहें.
"निभा दी हैं हमने तो मोहब्बत की सब रस्मे
तेरी बातो से भी हमे कुछ वफ़ा की महक तो आए"
Could associate to these lines very well. Gud work!
(I run a blog myself and have been thinking on these lines for quite sometime now - Pain is universal, love is not)
Dear Ranjana ji! How did you put 'Apne Bhasha Mein Padhe' (different languages) on yr site?
kavi kulwant
रंजू जी,
माफी चाहूँगा इस दफा…पता नहीं क्यों मैं बिल्कुल प्रभावित नहीं हो सका…प्रेम का आलम्बन ठीक तरीके से उभरा नहीं है… जितना व्यक्त होना चाहिए था वह सिमटा सा जान पड़ रहा है…।
behut sunder pangtiyaan "so jaayenge teri baahon ke gheren mai.. tujhe bhi to kabhi hamari yaad es tarah...." Yearning of a heart filled with unreciprocated love has been captured perfectly by this poem of yours…… beautiful...
bahut khob mam . kya likha hai waqii main dil ko chuu gai ye rachna.
आपका ब्लाग डिजाइन बहुत सुंदर है। और आपकी कविताएँ भी..........आकाश सैनी
आपका ब्लाग डिजाइन बहुत सुंदर है। और आपकी कविताएँ भी.......... आकाश सैनी
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