Saturday, May 12, 2007

माँ छुपा लो ना मुझे अपने ही आँचल में कहीँ



मदर्स डे गया..मेरी बेटी ने एक कविता लिख के मुझे पोस्ट करी .....जिसके भाव मेरे दिल को छू गये
आप सब के साथ इस को शेयर करने का मोका इस से बेहतर और क्या हो सकता था ......

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समझ सकती हूँ मैं वोह दिन कितना ख़ास होगा,
जब कुछ लम्हों के इंतज़ार के बाद एक कली की तरह
मैं तुम्हारे दोनो हाथों में पूरी सिमट गयी हूँगी,
देखकर मेरी नन्ही नन्ही आँखें रोशनी की तरह
तुम्हारी आँखों में भी चमक भर गयी होगी
फिर अपनी चमकती आँखों में ख्वाब लेकर
प्यार से तुमने मेरे माथे को चूमा होगा
तब तुम्हे ख़ुद पे ही बहुत गुरूर हुआ होगा
जब मैने तुम्हे पहली बार माँ कहा होगा

नये ख्वाबों की नयी मंज़िल सामने देख
तुमने हाथ पकड़ कर मुझे चलना सिखाया होगा
मुझे बार बार गिरते देख,
तुम्हारा दिल भी दर से कंपकापाया होगा
और अपने प्यार भरे आँचल में छुपा कर
कई ज़ख़्मो से मुझे बचाया होगा


फिर धीरे धीरे चढ़ि मैने अपनी मंज़िलों की सीढ़ियाँ
और दुनिया की भीड़ में तेरा हाथ मुझसे कहीं छूट गया
तूने फिर भी थाम कर संभालना सिखाया मुझे
अपनी सीखों से दुनियादारी की अच्छी बुरी बातें बताई मुझे
पर मैने हमेशा ही अपनी ज़िद्द से ठुकराया उसे
मेरी ज़िद्द के आगे तुमने अपने दिल पे पत्थर रखा होगा


पर आज मुझे यक़ीन हो चला है की माँ तुम सही थी
और अब मैं एक बार फिर-
वापिस तुम्हारे दोनो हाथों में सिमटना चाहती हूँ
तुम्हारे प्यारे आँचल में फिर से छिपाना चाहती हूँ
तुम्हारे हाथों के सहारे एक बार फिर से अपने
ड़गमागते हुए कदमाओं को संभालना चाहती हूँ


माँ छुपा लो ना मुझे अपने ही आँचल में कहीँ


MEGHA .....

9 comments:

ghughutibasuti said...

बहुत सुन्दर भाव हैं आपकी बिटिया के व उनकी कविता के । लगता है माँ जैसी ही सम्वेदनाएँ हैं उनमें भी । बधाई !
घुघूती बासूती

Reetesh Gupta said...

वापिस तुम्हारे दोनो हाथों में सिमटना चाहती हूँ
तुम्हारे प्यारे आँचल में फिर से छिपाना चाहती हूँ


अति सुंदर ...बधाई

mamta said...
This comment has been removed by the author.
mamta said...

आप माँ-बेटी को हमारी ओर से मदर्स डे की हार्दिक बधाई

परमजीत सिहँ बाली said...

रचना के भाव बहुत सुन्दर बन पड़े है।बधाई।

Udan Tashtari said...

बहुत सुंदर रचना. बधाई. दिवस विशेष की भी.

kinnu said...

realy heart touching words.........u r realy aproud mother of such adaughter congrats

Anonymous said...

Aadab Ranjna ji aap ki Beti ne jis Tarha Maa Shabd ki Garima ko apne bhvo main piroya hai kabile tarif hai or yeh jan kar harsh hua ki aap ki aap ki beti bhi aap hi ki tarha partibha sammpan hai or ek din aap ki hi tarha ek mukam hasil kare ye hamari dua hai

रंजू भाटिया said...

aap sabka tahe dil se shukriya ..aap sabke comments ne megha ka utsaah aur likhne ke liye badha diya hai ,aap sabka dhanyawaad ki aapne unki likhi bhaavnaao ko pyaar diya ..!!