पेडो से जब पते गिरते है तो,
उसको:" पतझड़" कहते हैं
और जब नये फूल खिलते हैं तो,
उसको" वसंत कहते हैं
दूर मिलने का आभास लिए
जब धरती गगन मिलते हैं
तोह उसको "क्षितिज कहते हैं
पर
तेरा मेरा मिलना क्या है
इसे ना तो "वसंत,"
ना तो "पतझड़"
और ना "क्षितिज कहते हैं
यह तो सिर्फ़ एक अहसास है
अहसास
कुछ नही, एक पगडंडी है
तुमसे मुझे तक आती हुई,
मैं और तुम,
तुम और मैं
जिसके आगे शून्य है सब...................
उसको:" पतझड़" कहते हैं
और जब नये फूल खिलते हैं तो,
उसको" वसंत कहते हैं
दूर मिलने का आभास लिए
जब धरती गगन मिलते हैं
तोह उसको "क्षितिज कहते हैं
पर
तेरा मेरा मिलना क्या है
इसे ना तो "वसंत,"
ना तो "पतझड़"
और ना "क्षितिज कहते हैं
यह तो सिर्फ़ एक अहसास है
अहसास
कुछ नही, एक पगडंडी है
तुमसे मुझे तक आती हुई,
मैं और तुम,
तुम और मैं
जिसके आगे शून्य है सब...................
7 comments:
BAHUT KHOBSURAT HAI RISHTA HAMARA...
KI DEY NA ISSEY AB NAAM KOI...
ABHI TUJH SEY JUDTA HOON SIDHEY DIL SEY SANAM....
HO NA JAON IS NAAM KA MAUHTAZ KAHIN
acha thought hai.....
ITS DIFFERENT...
and good.....
I LIK IT...
Ahsas.....sach likha hai Ranju ne..bahut sadgi se bahut kuch kaha hai is thode se likhne mein...मैं और तुम,
तुम और मैं
जिसके आगे शून्य है सब...Aisa hi kehte hain sab.....woh milna aisa hi hota hai....bahut badi badi baten hoti hain.....lekin afsos ki ye nasha jyada der nahin rehta....main Ranju ke ehsas ki kadar karta hoon..bilkul sahi likha hai....lekin main isko alag sa nahin kahoonga....kyonki kehne ko to sab aisa hi kehte hain....तुम और मैं
जिसके आगे शून्य है सब.......kash Ranju tumhari is baat ko ye matlabprasth log samajh pate....
sanjiv....
सिमट के आलिंगनों में बेखबर होता मन जिसे मह्सूस करता है वही अहसास की लहरों में अपना
पल संजोता है…।बहुत सुंदर पर पुन: कहुँगा थोड़ा जल्दी खत्म हो गया…अहसास का पल थोड़ा वृहत ही हो तो और आनंदायक हो…!!
bahut bahut shukriya aap sabka ...
abhishek ..aapne bahut hi accha likha hai ....
sanjiv aapka itne pyaar se aur apna keemati waqt dene ke liye bahut bahut shukriya ..duniya ki baat mein kya janau ..main toh dil baat samjahti hoon sirf [:)]
divyabh ..ehsaas ke pal yun hi bahut kam malum hote hain ...[:)]bas in mein se palo ko churaana hai ...accha laga tumhare bhaav jaan ke ...shukriya
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