कुछ यादो के झूरमूट से साए हैं
जो तेरी बातो से दिल में उतर आए हैं
इनको जगाना ना था तूने अपनी कड़वी बातो से
यह गुज़रे पल हमको अक्सर रुलाए हैं
जब भी हाथ बढ़ाया है इन्हे समेटने के लिए
मेरे दिल में अक्सर छाले से उभर आए हैं
कहा था तुमने की ज़िंदगी का सच बता रहा हूँ मैं
पर मेरे दिल को सिर्फ़ ख्वाबो के साए ही भाए हैं
अब जो जगा दिया तुमने अपनी बातो से इन को
तो मेरे दिल में कई सवाल से उभर आए हैं
क्यूं बुना अपने आस पास इन बेदर्द रिश्ते का जाल
जो तेरी बातो से दिल में उतर आए हैं
इनको जगाना ना था तूने अपनी कड़वी बातो से
यह गुज़रे पल हमको अक्सर रुलाए हैं
जब भी हाथ बढ़ाया है इन्हे समेटने के लिए
मेरे दिल में अक्सर छाले से उभर आए हैं
कहा था तुमने की ज़िंदगी का सच बता रहा हूँ मैं
पर मेरे दिल को सिर्फ़ ख्वाबो के साए ही भाए हैं
अब जो जगा दिया तुमने अपनी बातो से इन को
तो मेरे दिल में कई सवाल से उभर आए हैं
क्यूं बुना अपने आस पास इन बेदर्द रिश्ते का जाल
जिसे लोग प्यार शब्द कह कर बुलाते आए हैं
7 comments:
bahut khoob.... i particularly liked the opening para.... its good...
uthoo jara aur kholo apni aankhon ko...
ki hakikat hai khari terey samney...
bhulja har karwey sapney ko....
lo zindagi hai muskurati ab terey samney...
कई तारों को छेड़ा है…हमें मालूम भी न था कि वक्त इतना संगदिल हो चला है…लोगों की मुस्कुराहटों में उनके सपनों का रंग फिका है…
शुक्रिया अभिषेक .....
यह अशक़ है मेरे यह दर्द की एक किताब है
इसके वर्क है ग़म में डुबे हुए,और लफ्ज़ धूंधले ख़राब है !!
शुक्रिया दिव्याभ...
उनके दिए दर्द से ही हम एक तस्वीर बना लेते हैं
फिर उनमें भरे रंगो से उनको जीने की दुआ देते हैं
मिलती है हर बार एक काँटे सी चुभन हमको
कई बार फूल भी दिल को दुखा देते हैं !![:)]
nice.....
shukriya deepika...
shukriya ajay .....yahan aake isko padne ke liye ...thanks
जब भी हाथ बढ़ाया है इन्हे समेटने के लिए
मेरे दिल में अक्सर छाले से उभर आए हैं
कहा था तुमने की ज़िंदगी का सच बता रहा हूँ मैं
पर मेरे दिल को सिर्फ़ ख्वाबो के साए ही भाए हैं
Bahut sundar lines likhi hain..aksar hoam karte haath julte hein.....
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