बदमाश मौसम
...........सावन भादों
...........सावन भादों
बदतमीज बरसती थमती
.............बारिश
नालायक कमबख्त दिल की
..........गुस्ताखियाँ
बहकती आँखों के
...........बेसबब इशारे
तेज तूफ़ान हवाओं के साथ
...........थिरकते बहकते उड़ते मन
पुराने संगीत की धुन पर
............बुन रहे हैं ज़िन्दगी की नयी परिभाषाज़िन्दगी यूँ ही रोज़ बदलती है नए रंग ..और खुली आँखों से बुनते हैं न जाने कितने दिल नए रंग इस में .
4 comments:
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, दरोगा, जज से बड़ा - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बेहद खुबसूरत
बधाई
आग्रह है -- ख़ास-मुलाक़ात
bahut sundar rachna...
बहुत खूब ।
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