Tuesday, March 19, 2013

कुछ दोस्तों की कलम से ८

जब आज की युवा पीढ़ी भी हिंदी कविता को पसंद करती है तो लगता है हिंदी अभी जिंदा है ...बहुत ख़ुशी होती है इस तरह से पढ़े हुए पर लिखे को पढना ....

नितिन पारिक

Dear Mam
Reading your book "Kuch Meri Kalam Se" was a complete delight.
Your poems connect with the heart instantly. One of my personal favourite is "Ek Ghoont Mein" . You have penned down the moments of your life in a very subtle way...and that's the beauty of your poems.

Waiting for your next book!

Regards
नितिन   

शुक्रिया नितिन ...:)

3 comments:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

हिंदी कविताओं को पढना और सुनना मुझे तो बहुत अच्छा लगता है,,,

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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

वाह...!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आभार!

Maheshwari kaneri said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!