Thursday, January 31, 2013

खाली पैमाने

जाने कैसे हैं यह इश्क  के अफ़साने
राह है   मुश्किल मंजिल अनजाने

क्यों है तेरे दिल में तड़पन मेरी
क्यों तू पूछे मुझसे सवाल बेगाने

दर्द मिला हर राह में दिल को
जख्म भरे न अब खाली पैमाने

हर तरफ़ दिखे बस तेरा ही  साया
तन्हा धडकन खुदा ही पहचाने!!

13 comments:

डॉ. जेन्नी शबनम said...

सभी शेर बहुत बढ़िया, ये ज्यादा ख़ास लगा...
दर्द मिला हर राह में दिल को
जख्म भरे न अब खाली पैमाने

शुभकामनाएँ.

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत ही बढ़ियाँ गजल...
बहुत खूब...
:-)

Maheshwari kaneri said...

दर्द मिला हर राह में दिल को
जख्म भरे न अब खाली पैमाने ...वाह बहुत बढ़िया,सभी शेर बहुत सुन्दर हैं

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

उम्दा भावपूर्ण गजल,,,
recent post: कैसा,यह गणतंत्र हमारा,

सदा said...

क्यों है तेरे दिल में तड़पन मेरी
क्यों तू पूछे मुझसे सवाल बेगाने

दर्द मिला हर राह में दिल को
जख्म भरे न अब खाली पैमाने
वाह ... बहुत ही बढिया।

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत खूब..
तनहा ही जीवन जीना है,
सुख दुख साथी कुछ पल के बस

विभूति" said...

behtreen abhivaykti.....

शिवनाथ कुमार said...

शानदार ....
सादर!

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

वाह जी बहुत बढ़िया

Akhil said...

waah...khoobsurar ash.aar...lajawab gazal.

Jyoti khare said...

जीवन के सही रूप को दर्शाती
बहुत कहीं गहरे तक उतरती कविता ------बधाई

Jyoti khare said...

जीवन के सही रूप को दर्शाती
बहुत कहीं गहरे तक उतरती कविता ------बधाई

दिगम्बर नासवा said...

क्यों है तेरे दिल में तड़पन मेरी
क्यों तू पूछे मुझसे सवाल बेगाने ..

बहुत खूब ... तड़प को कोई देखे तो बात बने ...