Thursday, October 18, 2012

कोरे ख़त

दिए तेरी बातो ने कई  दर्द मुझे यूं बहलाने  से
लगते हैं अब तेरे कर्मों  इनायत भी बेगाने से

तलाश करते रहे ना जाने क्या  हम  तेरी आँखो में
दिल टूटा जब वहाँ दिखे अक्स अपने ही अनजाने से

बदल गये तुम बदलती हुई फ़िज़ा की तरह फिर से
हम अब भी खड़े हैं उसी मोड़ पर खोए हुए वीराने से


लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से

बैठे  रहे महफ़िल में बस चुपचाप  देखते  हुए तुझे
कि बना न ले लोग कहीं किस्से यूं ही मुस्कराने  से !!

15 comments:

अरुन अनन्त said...

बेहतरीन उम्दा ग़ज़ल वाह क्या बात है

सदा said...

लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से

बैठे रहे महफ़िल में बस चुपचाप देखते हुए तुझे
कि बना न ले लोग कहीं किस्से यूं ही मुस्कराने से !!
वाह ... बहुत खूब

मुकेश कुमार सिन्हा said...

लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से

aisa bhi hota hai kya??:)
wah pyari si gajal:)

Unknown said...

लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से...............बहुत खूब

Unknown said...

लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से..........बहुत खूब

ashish said...

लीजिये मैंने तो पढ़ लिया इस खूबसूरत अफसाने को, और बेरुखी तो हमेशा ही मिलती है दीवाने को :)

प्रकाश गोविंद said...

लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से
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क्या बात है ... वाह ...बहुत खूब
बहुत उम्दा ग़ज़ल है

हार्दिक बधाई !

वन्दना अवस्थी दुबे said...

बदल गये तुम बदलती हुई फ़िज़ा की तरह फिर से
हम अब भी खड़े हैं उसी मोड़ पर खोए हुए वीराने से
क्या बात है रंजू...बहुत सुन्दर.

Kailash Sharma said...

तलाश करते रहे ना जाने क्या हम तेरी आँखो में
दिल टूटा जब वहाँ दिखे अक्स अपने ही अनजाने से

...बहुत खूब! बहुत ख़ूबसूरत गज़ल...

Maheshwari kaneri said...

बहुत उम्दा ग़ज़ल है ..बधाई..

प्रवीण पाण्डेय said...

वाह, दमदार अभिव्यक्ति..

ANULATA RAJ NAIR said...

वाह रंजू....
बहुत सुन्दर गज़ल....
बदल गये तुम बदलती हुई फ़िज़ा की तरह फिर से
हम अब भी खड़े हैं उसी मोड़ पर खोए हुए वीराने से...

वाह....दाद कबूल कीजिये..

अनु

Rahul Paliwal said...

Your profile description says a lot about you and I really loved it. You write very nice..
Will keep coming!!

विभूति" said...

लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से...behtreen gazal...

Meenakshi Mishra Tiwari said...

बदल गये तुम बदलती हुई फ़िज़ा की तरह फिर से
हम अब भी खड़े हैं उसी मोड़ पर खोए हुए वीराने से


sundar gazal ranju ji...

saadar