दिए तेरी बातो ने कई दर्द मुझे यूं बहलाने से
लगते हैं अब तेरे कर्मों इनायत भी बेगाने से
तलाश करते रहे ना जाने क्या हम तेरी आँखो में
दिल टूटा जब वहाँ दिखे अक्स अपने ही अनजाने से
बदल गये तुम बदलती हुई फ़िज़ा की तरह फिर से
हम अब भी खड़े हैं उसी मोड़ पर खोए हुए वीराने से
लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से
बैठे रहे महफ़िल में बस चुपचाप देखते हुए तुझे
कि बना न ले लोग कहीं किस्से यूं ही मुस्कराने से !!
लगते हैं अब तेरे कर्मों इनायत भी बेगाने से
तलाश करते रहे ना जाने क्या हम तेरी आँखो में
दिल टूटा जब वहाँ दिखे अक्स अपने ही अनजाने से
बदल गये तुम बदलती हुई फ़िज़ा की तरह फिर से
हम अब भी खड़े हैं उसी मोड़ पर खोए हुए वीराने से
लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से
बैठे रहे महफ़िल में बस चुपचाप देखते हुए तुझे
कि बना न ले लोग कहीं किस्से यूं ही मुस्कराने से !!
15 comments:
बेहतरीन उम्दा ग़ज़ल वाह क्या बात है
लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से
बैठे रहे महफ़िल में बस चुपचाप देखते हुए तुझे
कि बना न ले लोग कहीं किस्से यूं ही मुस्कराने से !!
वाह ... बहुत खूब
लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से
aisa bhi hota hai kya??:)
wah pyari si gajal:)
लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से...............बहुत खूब
लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से..........बहुत खूब
लीजिये मैंने तो पढ़ लिया इस खूबसूरत अफसाने को, और बेरुखी तो हमेशा ही मिलती है दीवाने को :)
लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से
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क्या बात है ... वाह ...बहुत खूब
बहुत उम्दा ग़ज़ल है
हार्दिक बधाई !
बदल गये तुम बदलती हुई फ़िज़ा की तरह फिर से
हम अब भी खड़े हैं उसी मोड़ पर खोए हुए वीराने से
क्या बात है रंजू...बहुत सुन्दर.
तलाश करते रहे ना जाने क्या हम तेरी आँखो में
दिल टूटा जब वहाँ दिखे अक्स अपने ही अनजाने से
...बहुत खूब! बहुत ख़ूबसूरत गज़ल...
बहुत उम्दा ग़ज़ल है ..बधाई..
वाह, दमदार अभिव्यक्ति..
वाह रंजू....
बहुत सुन्दर गज़ल....
बदल गये तुम बदलती हुई फ़िज़ा की तरह फिर से
हम अब भी खड़े हैं उसी मोड़ पर खोए हुए वीराने से...
वाह....दाद कबूल कीजिये..
अनु
Your profile description says a lot about you and I really loved it. You write very nice..
Will keep coming!!
लिख के भेजे हर पल कई कोरे ख़त तुझको हमने
तेरी चुप्पी के जवाब कर गये हमे और भी दीवाने से...behtreen gazal...
बदल गये तुम बदलती हुई फ़िज़ा की तरह फिर से
हम अब भी खड़े हैं उसी मोड़ पर खोए हुए वीराने से
sundar gazal ranju ji...
saadar
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