Saturday, September 29, 2012

शौक

एक दिन
तुमने बातों बातों
में बताया था कि
तुम्हे ..
बचपन से शौक था
तुम्हारा

 खुद के बनाये 
मिटटी के
खिलौनों से खेलना
और फिर उनको
खेल के तोड़ देना

आज भी तुम्हारा

वही खेल जारी है
बस खेलने
और खिलौनों के
वजूद बदल गए हैं |........
रंजू ..........

19 comments:

सदा said...

वही खेल जारी है
बस खेलने
और खिलौनों के
वजूद बदल गए हैं |........
बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

वही खेल जारी है
बस खेलने
और खिलौनों के
वजूद बदल गए हैं |........

बेहतरीन भाव अभिव्‍यक्ति की सुंदर प्रस्तुति,,,
RECENT POST : गीत,

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

खिलौने के वजूद बदल गए हैं ... मार्मिक अभिव्यक्ति

Meenakshi Mishra Tiwari said...

वही खेल जारी है
बस खेलने
और खिलौनों के
वजूद बदल गए है......


वजूद बदल जाते हैं... पर शौक नहीं....
बहुत सुन्दर रचना रंजू जी

अरुन अनन्त said...

बहुत सुन्दर वाह क्या बात है

ANULATA RAJ NAIR said...

excellent lines ranju ji....

anu

मेरा मन पंछी सा said...

बेहतरीन भावाभिव्यक्ति...
:-)

India Darpan said...

बहुत ही शानदार और सराहनीय प्रस्तुति....
बधाई

इंडिया दर्पण
पर भी पधारेँ।

virendra sharma said...


शौक
एक दिन
तुमने बातों बातों
में बताया था कि
तुम्हे ..
बचपन से शौक था
तुम्हारा
खुद के बनाये
मिटटी(मिट्टी) के....मिट्टी
खिलौनों से खेलना
और फिर उनको
खेल के तोड़ देना
आज भी तुम्हारा

वही खेल जारी है
बस खेलने
और खिलौनों के
वजूद बदल गए हैं |........

बहुत सूक्ष्म व्यंजना है इस रचना में .बधाई .

संजय भास्‍कर said...

अभिव्यक्ति का यह अंदाज निराला है. आनंद आया पढ़कर........रंजना दी

Arvind Mishra said...

नाट डन-अजीब खब्ती आदमी है :-( तुरत छुटकारा पाईये ऐसे लोगों से :-)

काव्य संसार said...

बस खेलने
और खिलौनों के
वजूद बदल गए हैं |

उम्दा प्रस्तुति |
इस समूहिक ब्लॉग में पधारें और इस से जुड़ें |
काव्य का संसार

निवेदिता श्रीवास्तव said...

समय के साथ सोच भी बदल जाती है ... बहुत प्यारा लिखा है !

tajmallahan.blogspot.in said...

बहुत ही भाव परक रचना बधाई!

Prateek Sancheti said...

बहुत सुदंर रचना रंजु जी।
प्रतीक संचेती

Onkar said...

सुन्दर कविता

प्रवीण पाण्डेय said...

गहरी अभिव्यक्ति..

vandana gupta said...

बहुत सु्न्दर भाव

रश्मि शर्मा said...

वक्‍त के साथ खि‍लौने बदल गए...मगर अंदाज वही है...वाह