बहुत सोचता है मेरा दिल तुम्हारे लिए
बहुत सी बातें कह कर भी
कुछ अनकहा सा रह जाता है
कुछ अनकहा सा रह जाता है
मेरे दिल में तुम्हारे लिए
एक प्यार का सागर लहरता है
एक प्यार का सागर लहरता है
फिर भी ना जाने यह दिल
अनचाहा सा सवाल क्यों कर जाता है
अनचाहा सा सवाल क्यों कर जाता है
पूछता है दिल मेरा अक्सर ......
क्या मेरे प्यार का गहरा सागर
प्यास बुझा सकता है तुम्हारी???
प्यास बुझा सकता है तुम्हारी???
मेरा प्यार तुम्हारे आँगन में बंध कर
क्या गीत ख़ुशी के गा सकता है???
क्या गीत ख़ुशी के गा सकता है???
छाया रहता है तुम्हारे जहन पर भी
मेरे प्यार का गहरा क़ाला बादल...........
मेरे प्यार का गहरा क़ाला बादल...........
पर क्या यह मुझ पर बरस सकता है ???
क्या यह मुझको भीगो सकता है ???
अक्सर बेबस से कर जाते हैं यह सवाल मुझको..
दिल में एक अनजानी सी चुभन दे जाते हैं मुझको......
फिर ना जाने क्या सोच कर........
यह दिल खिल सा जाता है
जब कभी तुम्हारी दिल की लहरो से उठता प्यार ......
मेरे दिल की लहरो से टकरा जाता है
तुम्हारा बस यही एक पल का प्यार ..........
जैसे मेरी दुनिया ही बदल जाता है
और मेरे सारे सवालो को ......
जैसे एक नयी राहा दिखा जाता है !!