Monday, May 03, 2010

अपने अपने प्यार की परिभाषा


ना जाने किसकी तलाश में
जन्मों से भटकती रही हूँ मैं
अपनी रूह से तेरे दिल की धड़कन तक
अपना नाम पढ़ती रही हूँ मैं....

लिखा जब भी कोई गीत या ग़ज़ल
तू ही लफ़्ज़ों का लिबास पहने मेरी कलम से उतरा है
यूँ चुपके से ख़ामोशी से तेरे क़दमो की आहट
हर गुजरते लम्हे में सुनती रही हूँ मैं

खिलता चाँद हो या फिर बहकती बसंती हवा
सिर्फ़ तेरे छुअन के एक पल के एहसास से
ख़ुद ही महकती रही हूँ मैं

यूँ ही अपने ख़्यालों में देखा है
तेरी आँखो में प्यार का समुंदर
खोई सी तेरी इन नज़रो में
अपने लिए प्यार की इबादत पढ़ती रही हूँ मैं

पर आज तेरे लिखे मेरे अधूरे नाम ने
अचानक मुझे मेरे वज़ूद का एहसास करवा दिया
कि तू आज भी मेरे दिल के हर कोने में मुस्कराता है
और तेरे लिए आज भी एक अजनबी रही हूँ मैं!!!

रंजना (रंजू) भाटिया
अप्रैल २००७

23 comments:

विधुल्लता said...

लिखा जब भी कोई गीत या ग़ज़ल
तू ही लफ़्ज़ों का लिबास पहने मेरी कलम से उतरा है
यूँ चुपके से ख़ामोशी से तेरे क़दमो की आहट
हर गुजरते लम्हे में सुनती रही हूँ मैं
बहुत दिनों बाद पढ़ रही हूँ तुम्हे अच्छा लगा ...
.एक भाव एक लय के साथ लिखा दिल को छू जाता है
बधाई

वन्दना अवस्थी दुबे said...

बहुत अच्छी कविता.

Udan Tashtari said...

पर आज तेरे लिखे मेरे अधूरे नाम ने
अचानक मुझे मेरे वज़ूद का एहसास करवा दिया
कि तू आज भी मेरे दिल के हर कोने में मुस्कराता है
और तेरे लिए आज भी एक अजनबी रही हूँ मैं!!!

-वाह!! बहुत खूब...पसंद आई.

M VERMA said...

पर आज तेरे लिखे मेरे अधूरे नाम ने
अचानक मुझे मेरे वज़ूद का एहसास करवा दिया
वाह एहसास को सुन्दरता से बयान किया है

Shekhar Kumawat said...

bahut khub

achi rachana he

समय said...

फ़ैज़ की एक नज़्म याद हो आई।

और भी ग़म हैं दुनिया में मुहब्बत के सिवा
राहते और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा..

मुझसे पहली सी मुहब्बत मेरे महबूब ना मांग..

शुक्रिया।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

पर आज तेरे लिखे मेरे अधूरे नाम ने
अचानक मुझे मेरे वज़ूद का एहसास करवा दिया
कि तू आज भी मेरे दिल के हर कोने में मुस्कराता है
और तेरे लिए आज भी एक अजनबी रही हूँ मैं!!!

वाह......गज़ब का लिखा है....बहुत खूबसूरत

Alpana Verma said...

'पर आज तेरे लिखे मेरे अधूरे नाम ने
अचानक मुझे मेरे वज़ूद का एहसास करवा दिया'

-बेहद नाज़ुक से अहसासों को अभिव्यक्त करती पंक्तियाँ .
-भावपूर्ण कविता

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

रचना दिल को छू गई........

Arvind Mishra said...

रूमानियत से लबरेज एक अच्छी कविता !

सु-मन (Suman Kapoor) said...

पर आज तेरे लिखे मेरे अधूरे नाम ने
अचानक मुझे मेरे वज़ूद का एहसास करवा दिया
कि तू आज भी मेरे दिल के हर कोने में मुस्कराता है
और तेरे लिए आज भी एक अजनबी रही हूँ मैं!!!

वाह रंजना जी क्या लिखा है ।

राज भाटिय़ा said...

वाह जी बहुत सुंदर.

Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय) said...

"लिखा जब भी कोई गीत या ग़ज़ल
तू ही लफ़्ज़ों का लिबास पहने मेरी कलम से उतरा है
यूँ चुपके से ख़ामोशी से तेरे क़दमो की आहट
हर गुजरते लम्हे में सुनती रही हूँ मैं

खिलता चाँद हो या फिर बहकती बसंती हवा
सिर्फ़ तेरे छुअन के एक पल के एहसास से
ख़ुद ही महकती रही हूँ मैं"

रोमान्टिक कविताओ की आप क्वीन है.. बहुत अच्छे :)

vandana gupta said...

BAHUT SUNDAR BHAV.........BADHAYI.

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

kya baat...kya baat....kya baat....

सुशील छौक्कर said...

हर बार की तरह शानदार रचना।
यूँ ही अपने ख़्यालों में देखा है
तेरी आँखो में प्यार का समुंदर
खोई सी तेरी इन नज़रो में
अपने लिए प्यार की इबादत पढ़ती रही हूँ मैं

बहुत शानदार।

दिगम्बर नासवा said...

यूँ ही अपने ख़्यालों में देखा है
तेरी आँखो में प्यार का समुंदर
खोई सी तेरी इन नज़रो में
अपने लिए प्यार की इबादत पढ़ती रही हूँ मैं

ये सच है हर कोई प्यार की परिभाषा खुद ही बनाता है और खुद ही उसमें जीता है ... कुछ नाज़ुक एहसास लिए रूहानी रचना है ...

Mohinder56 said...

आपकी रचना पढ कर मुझे अपना पंसदीदा नगमा याद आ गया.

आप आये तो ख्याले दिले नाशाद आया
कितने भूले हुये जख्मों का पता याद आया

सुन्दर भावनाओं से ओतप्रोत रचना के लिये बधाई

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

रूमानी जज्बों का सादगीपूर्ण वर्णन, मन को छू गया।

स्वाति said...

ना जाने किसकी तलाश में
जन्मों से भटकती रही हूँ मैं
अपनी रूह से तेरे दिल की धड़कन तक
अपना नाम पढ़ती रही हूँ मैं

भावपूर्ण रचना..दिल को छू गई..

अनामिका की सदायें ...... said...

rachna ki ending ne dil k avsad ko aur adhurepan ko bahut hi sahzta se dhaal diya shabdo me..kaabile tareef.

दीपक 'मशाल' said...

ek aur behatreen kavita... naye sangrah ki taiyaari kya?? :)

आशा जोगळेकर said...

सुंदर भावप्रवण रचना ।