आपके पुरे ब्लॉग का चक्कर लगा कर आ रहा हूँ. वाकई प्रत्येक पंक्तियों में बड़े ही सुन्दर भावः पेश किये है आपने. बधाई. आपकी और मेरी लेखनी में मात्र इतना ही फर्क है की आप अपने दिल के भावः को शब्दों में पिरो कर कविता बनाते हो और मै उन्ही शब्दों से गुफ्तगू करता हूँ. मेरी गुफ्तगू पर आपका भी स्वागत है. www.gooftgu.blogspot.com
सुन्दर भाव से लिखी गई एक बेहतरीन रचना। सच पूछिए तो एक शब्द "मेह" ने तो मेरा मन मोह लिया। और हाँ ये फोटो पर रचना कैसी लिखी जाती है। हमें भी बता दीजिए बेटी पर लिखी एक आध तुकंबदी को लिख सके।
raat bhar meh tap-tap barasta raha aur tum booNd-booNd yaad aate rahe..kya baat hai...aisa laga ki koee phool ki pankhuRee par aakar thahar gaya ho...ati-sundar
42 comments:
bahut khoobsurat kavita ...
रात भर मेह टप-टप टपकता रहा
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति, आभार्
'saath rah kar bhi dil tumhen talaash karta raha..'
khubsurat abhivyakti aur kavita ki chitrmay
prastuti bhi bahut sundar hai.
Bahut khoob.
shaayad isi meeh ne shastri ji ke khateema mein baadh laa di...
sundar rachna ranjana ji...
बेहद खूबसूरत भाव लिए हुए
सुन्दर रचना रंजना जी .
क्या मै जान सकता हु मेह क्या होता है ?
आभार
pankaj
आपके पुरे ब्लॉग का चक्कर लगा कर आ रहा हूँ. वाकई प्रत्येक पंक्तियों में बड़े ही सुन्दर भावः पेश किये है आपने. बधाई. आपकी और मेरी लेखनी में मात्र इतना ही फर्क है की आप अपने दिल के भावः को शब्दों में पिरो कर कविता बनाते हो और मै उन्ही शब्दों से गुफ्तगू करता हूँ. मेरी गुफ्तगू पर आपका भी स्वागत है. www.gooftgu.blogspot.com
bahut hi khoobsoorat prastuti.........bahut hi pyara khwab.
बहुत सुन्दर..
यह पंक्तियां तो गहरे उतर गयीं -
"एक गीला सा ख्वाब मेरी आँखों में चलता रहा
काँपती रही मैं एक सूखे पत्ते की तरह ।
कविता और chitr दोनों एक ही kahaani कहते huve ......... kamaal है ............ लगता है chitron सी nikle शब्द हैं................. lajawaab
प्रशंशा के लिए शब्द नहीं हैं रंजना जी ...वाह...भावपूर्ण रचना रचने में आप सिद्ध हस्त हैं...
नीरज
शाश्वत प्रतीक्षा -बहुत सुन्दर कविता !
sunder manobhav,aur hubsurat prastuti,badhai.
बूंदो मे लिपटी पंक्तियां वाह अति सुंदर|
सुन्दर भाव से लिखी गई एक बेहतरीन रचना। सच पूछिए तो एक शब्द "मेह" ने तो मेरा मन मोह लिया। और हाँ ये फोटो पर रचना कैसी लिखी जाती है। हमें भी बता दीजिए बेटी पर लिखी एक आध तुकंबदी को लिख सके।
सुन्दर भाव..बहुत सुन्दर बेहतरीन कविता
हम तो बाढ़ से परेशान हैं,
मगर आपकी इस सुन्दर रचना के लिए
बधाई तो दे ही देते हैं।
बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति. चित्र पर इसे छपा देखकर और भी नयनाभिराम लगा.
रामराम.
लरजती भावनाओं को खूबसूरत शक्ल दे दी
सुंदर कविता का सुंदर प्रस्तुतिकरण!
बहुत सुन्दर एहसास वाली कविता.आभार।
बहुत खूबसूरत ...!!
भावपूर्ण सुन्दर रचना पर हार्दिक बधाई.
बहुत खूबसूरत है यह ख्वाब।
( Treasurer-S. T. )
मेरे दिल मे तुझे पाने का सपना पलता रहा--सपनो की दुनिया की रचती हुई एक कविता. बधाई.
paani ki boondo ki thandak aur milan ki chaahatki garmi ka khoobsoorat chitran.badhaai.
jhalli-kalam-se
angrezi-vichar.blogspot.com
jhalli gallan
कितना डूब कर लिखती हैं आप...और ये कविता के संपूर्ण बैक-ग्राउंड में कैसे लगाया तस्वीर?
sundar anubhuti
raat bhar meh tap-tap barasta raha aur tum booNd-booNd yaad aate rahe..kya baat hai...aisa laga ki koee phool ki pankhuRee par aakar thahar gaya ho...ati-sundar
bahut achche bhav piroye hain aapne.. happy blogging
bahut achche bhav piroye hain aapne.. happy blogging
कि तुम मेरे साथ थे मेरे हर पल
फिए भी न जाने क्यूं तुम्हे यह दिल तलाश करता रहा
अति सुन्दर भाव लिये बेहतरीन रचना
Ratbhar meh tapakta raha
tum boond boond yad aate rahe
Bahut sunder.
संयोग और वियोग दोनों एकसाथ.....वाह !!! प्रेम इसी को तो कहते हैं....
अद्भुत अभिव्यक्ति....
sundar kvita man mohti .
कविता तो अच्छी है ही श्रृंगार भी अच्छा बन पड़ा है.
आपकी कई लाइने मुझे लुभावक लगती है इसलिये पढ़ते रहने का मन करता है...
बहुत ही सुन्दर शब्दों से किसी बहाव में तेरती रहती हो आप...
बेहतरीन!!लाजवाव!! बहुत खूब!! रंजनाजी
तुम साथ थे मेरे हर पल
फिर भी ना जाने क्युं तुम्हें यह दिल तलाश करता रहा
Nice one.. I loved it
Khwaab hamesha pyare lagte hain, kyonki ve khwaab hote hain.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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