तुम्हारा मेल दोस्ती की हद को छू गया
दोस्ती मोहब्बत की हद तक गई
मोहब्बत इश्क की हद तक
और इश्क जनून को हद तक ॥
अमृता इमरोज़ की दोस्ती पर कही यह पंक्तियाँ दोस्ती की परिभाषा को और भी अधिक गहरा रिश्ता बना देती है ...दोस्ती लफ्ज़ ही ऐसा है जो दिल के अन्दर तक अपना वजूद कायम कर लेता है यदि दोस्ती सच्ची और गहरी है तो .... वैसे तो सभी रिश्ते अपना अपना स्थान ज़िन्दगी में बनाए रखते हैं ...पर दोस्ती का रिश्ता सबसे अलग होता है क्यों कि यह बना बनाया नहीं मिलता हमें इसको बनाना पड़ता है और फिर यदि दोनों और से दिल मिल जाए तो यह ता -उम्र निभाया जा सकता है ....कोई खून का रिश्ता नहीं होता यह फिर भी बहुत प्यारा और हर दिल अजीज होता है ..
दोस्ती का रिश्ता बहुत नाजुक होता है ,एक जरा सी ग़लतफ़हमी इस रिश्ते को तोड़ के रख देती है और जहाँ विश्वास नहीं रहता वहां यह यह रिश्ता भी आगे नहीं पनप सकता है ...बड़े बड़े वैज्ञानिकों ने यह साबित कर दिया है कि जिनके दोस्त होते हैं वह एक लम्बी स्वस्थ उम्र जीते हैं ...आखिर कहीं तो तो कोई हो जिस से आप अपने दिल की बात बेहिचक कह सके सुन सकें ..जिनके पास दोस्त नहीं वह बहुत अकेले और तन्हा होते हैं ..अब यह आपके ऊपर है कि अपने स्वभाव से आप कैसे दोस्त बनाते हैं और उस दोस्ती को कैसे निभा पाते हैं ...
दोस्ती जब भी करें दिल से करे और उस में विश्वास बनाये रखे ...अगर आप चाहते हैं कि आपका दोस्ती का रिश्ता कायम रहे तो एक दूजे की निजी बातें अपने तक ही रखे उसको सार्वजनिक न करें ..."इगो "का दोस्ती में कोई स्थान नहीं है ..यह दोस्ती को तोड़ देता है जहाँ अहम् है वहां दोस्ती आगे नहीं बढ़ सकती है ...दोस्ती की परिभाषा में एक दूजे के सुख दुःख बाँटना भी आता है जहाँ तक संभव हो सके एक दूजे का सुख दुःख बांटने की कोशिश करनी चाहिए ...पर यह ध्यान रहे कि हर व्यक्ति की अपनी एक निजी ज़िन्दगी होती है उस में अधिक दखल अंदाजी न हो जितना स्पेस आप एक दूजे को देंगे उतनी दोस्ती अधिक निभेगी ..यह हर रिश्ते के लिए जरुरी है ..कि हर कोई अपनी मर्जी से जीए ...हाँ इस बात का ध्यान हमेशा रहे कि सच्ची दोस्ती वही है जब लगे कि दोस्त गलत रास्ते पर जा रहा है तो उसको एक बार काम से काम सुधारने की बताने कि कोशिश जरुर करें ...यह बात आपके साथ भी लागू होती है यदि आपका दोस्त आपकी कोई गलती को समझ रहा है और उसको समझाने कि कोशिश करता है तो उसकी बात समझे ....
दोस्ती को मजबूत बनाए रखने के लिए कोई गलती खुद से महसूस करे तो उसी वक़्त उसको समझ कर एक दूजे से माफ़ी मांग ले और बात चीत बंद न करें ,क्यों कि जहाँ आपसी बात चीत कम हो जाती है वहां रिश्ता टूटने में अधिक देर नहीं लगती है ...एक दूजे के समय कि कद्र करें ...यह थी कुछ दोस्ती की महतवपूर्ण बातें जिनको आप दिल से निभाएंगे तो दोस्ती गहरी रहेगी और लम्बी चलेगी ..किसी भी छोटी सी ग़लतफ़हमी की वजह से इस खूबसूरत दोस्ती को न खोने दे .|
रंजू भाटिया
34 comments:
दोस्ती के आगे कुछ भी नहीं....सुंदर लेख
Dosti par aapki lekhni ne bahut achha likha hai
koi galatfahmi sachhe doston ko door nahi kar paati
duriyan rishte ki mithaas khatam nahi karti
bahut sunder aalekh
Heppy friendship day
दोस्ती उपहार है. उसे सम्भाल कर रखना चाहिये
सच कहा आपने। सच्ची दोस्ती में गलतफहमी का कोई स्थान नहीं।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
dosti se badhkar jeevan mein koi uphar nhi.
दोस्ती बहुत नायाब होती है,
Happy Friendship Day!
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ग़ज़लों के खिलते गुलाब
बहुत अच्छी रचना..
सही कहा आपने...दोस्ती दिल से ही की जाती है और दिल से ही निभाई जाती है
बहुत सुंदर रचना.
रामराम.
बढ़िया पोस्ट.
Happy Friendship day.....!! !!!!
पाखी के ब्लॉग पर इस बार देखें महाकालेश्वर, उज्जैन में पाखी !!
दोस्ती पर बहुत अच्छी पोस्ट .. हैप्पी फ्रेंडशिप डे !!
मित्रता अनमोल है - सँजो कर रखने वाली चीज ।
बेहद खूबसूरत आलेख के लिये धन्यवाद ।
dosti par likhi aapki ye post bahut pasand aayi
अच्छी रचना
आपको भी मित्र दिवस की शुभकामना
nicely expressed...
keep rolling...
सच्ची दोस्ती तो ईश्वर की दी हुई वो नेमत है जो कि बडे भाग्यवान को प्राप्त होती है!!!!
बहुत अच्छी रचना.
दोस्ती का जज़्बा सलामत रहे।
मित्रता दिवस पर शुभकामनाएँ।
kahane ko shabda nahi hai apake dwara prastut ki gaee kawita ke liye .................bahut hi sundar lekh dosti par
..."इगो" का दोस्ती में कोई स्थान नहीं है
आपकी कही बातों से सौ फीसदी सहमत..
.. हैपी ब्लॉगिंग :)
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति आभार्
सही कहा आपने...दोस्ती दिल से ही की जाती है
रंजना जी,
दोस्ती के पाक जज्बे पर बहुत ही सुन्दर लिखा अपने जो पंक्तियाँ उद्दत की हैं जैसे दोस्ती और जुनूं दोनों को जोड़ जाती है।
सच है दोस्ती जुनून से कम नही होती।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
आपकी यादों से छलकते हुये हर्फ मीनाकुमार जी की यादें ताजा करा गये। दर्द को कैसे जिया उन्होंने? शायद इतनी शिद्दत से सोचा जाये तो रूह कांप जायेगी।
रंजना जी,
एक अहम बात को कहना ही भूल गया :-
हैप्पी फ्रेण्डशिप डे!!
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
दोस्ती दिवस पर बहुत ही सुन्दर पोस्ट लिखी है आप ने.
शुभकामनाएँ!
दोस्ती को सही समझाया आपने. कुछ लोगों से जब फ्रिक्वेंसी मिल जाती है फिर गलतफहमी भी नहीं हो पाती, वो असली दोस्ती हो जाती है.
आपका kahna सच है जिस दोस्ती में vishvaas, प्यार, इक dooje को sanajhne की achaah नहीं .... वो sachee दोस्ती hani है............ दोस्ती में सबसे पहले ........ दो ........... सब कुछ nishchal मन से ..........
bahut hi umda tarike se dosti ko paribhashit karta lekh...
aapka kahna sahi hai......... waaqai mein dosti se badh kar koi rishta nahi hota......
Regards
A Friend is the one who, praises you in public but points to your faults when alone. He is the one who is with you through thick and thin.
Bahut achchi samayik rachna
दोस्ती पर उम्दा आलेख.
आज दोस्ती भी रह नहीं गयी है, क्योंकि आडंबर और व्यक्तिगत अहं के सामने दोस्ती का वजूद बिखर गया है.
Friendship is very cute relation...Nice article.
पाखी की दुनिया में देखें-मेरी बोटिंग-ट्रिप !!
दोस्ती की सही परिभाशा और सुन्दरता के लिये आभार
अमृता जी तो ज़िन्दगी के एक एक एहसास पर एक किताब लिखती तो भी कम था इतने गहरे से वो मन की संवेदाओं से परिचित ही नहीं उन्हें जीती भी थीं बहुत बह्डिया लिखा है आपने आभार्
मैं तो मित्रता को ही प्रत्येक सम्बन्ध का आधार मानती हूँ,चाहे वह अभिभावक,संतान,सहचर या किसी भी सम्बन्ध के साथ क्यों न हो...मूल में मित्रता ही होती है....यही यदि प्रगाढ़ हो तो उक्त सम्बन्ध भी सुन्दर बनता है,अन्यथा नहीं...
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