तेरे होने के एहसास ही देता ह
दो पल की ख़ुशियाँ मुझको
तेरे होने से मुझे अपने
दर्द की छावं का एहसास नही होता
अपने यह ग़म तुझे दे कर
क्यों तुझे भी मैं ग़मगीन बना दूं
कैसे अपनी पलको के आँसू
मैं तेरी पलको में सज़ा दूं ........
देखा जिस पल तुमने मुझको
प्यार की एक नज़र से
मेरी रूह का हर कोना
तेरे होने से ही तो महका है
जो भी अब ख़ुशी है मेरे दामन में
वो तेरे होने से है
कैसे अपने दर्द से
मैं तेरा भी दामन सज़ा दूं
कैसे अपनी पलको के आँसू
मैं तेरी पलको में सज़ा दूं .........
तेरे प्यार के नूर से मिलता है
सकुन मेरी रूह को
तेरे एक पल के छुने से
मेरे लबो पर तबसुम्म खिल जाता है
कैसे तेरी गुज़ारिश पर
तुझे भी मैं अपने दर्द का कोई सिला दूं
अपने मिले इन प्यार के पलो को
क्यों दर्द के साए से मिला दूं
कैसे तेरी पलको में
अपने दर्द के आँसू में सज़ा दूं ...
रंजू.........
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यह गाना आतिफ़ असलम ने गाया है ...बहुत ही सुंदर लफ्ज़ है इसके ....मैने इसका जवाब उपर लिखे लफ़्ज़ो में
देने की कोशिश की है ....
कुछ इस तरह - अतिफ़ असलम
[कुछ इस तरह तेरी पलकें
मेरी पलकों से मिला दे
आसूँ तेरे सारे
मेरी पलकों पे सज़ा दे]3
तू हर घड़ी हर वक़्त मेरे
साथ रहा है
हाँ है एह जिस्म कभी दूर कभी पार रहा है
जो भी गुम है यह तेरे
उन्हे तू मेरा बता दे
कुछ इस तरह तेरी पलकें
मेरी पलकों से मिला दे
आसूँ तेरे सारे
मेरी पलकों पे सज़ा दे
मुझको तो तेरे चेहरे पे
यह ग़म नही जज्जता
ज़ायज़ नही लगता
मुझे ग़म से तेरा रिश्ता
सुन मेरी गुज़ारिश इसे चेहरे से हाथा दे -2
कुछ इस तरह तेरी पलकें
मेरी पलकों से मिला दे
आसूँ तेरे सारे
मेरी पलकों पे सज़ा दे
--
20 comments:
गहन भावों की अभिव्यक्ति !
ati sundar bhawabhivykti.... likhte rhiye....
बहुत सुंदर .
माकूल जवाब है, मुहब्बत की इंतहा से लबरेज!
कैसे तेरी गुजारिश पर तुझे भी मैं अपने दर्द का कोई सिला दूं
तुमसे मिले इन प्यार के पलों क्यूँ दर्द के साये से मिला दूं .......
कैसे तेरी पलकें ...........
प्यार का दूसरा नाम् विश्वास और विश्वास का दूसरा ना समर्पण.......
ये सब देखने को मिला इस अनमोल मन को सुकून पहुंचाने वाली रचना में ......
और हाँ आपको jankar खुशी होगी ये aatif का ये gana मुझे भी बहुत पसंद है :)
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है आने के लिए
आप
๑۩۞۩๑वन्दना
शब्दों की๑۩۞۩๑
सब कुछ हो गया और कुछ भी नही !! इस पर क्लिक कीजिए
मेरी शुभकामनाये आपकी भावनाओं को आपको और आपके परिवार को
आभार...अक्षय-मन
रंजू जी...बेहतरीन रचना...क्या जवाब दिया है आपने...वाह...आप का शब्द चयन लाजवाब है...
नीरज
बहुत ही सुंदर, धन्यवाद
ये हमारे पसंदीदा गानों में से है, उस अल्बम में ये गाना ही बहुत पसंद आया था... जवाब बड़े अच्छे सुझा दिए आपने !
एक जज्बा है आपके लफ्जों में जो आपके होने का एहसास बखूबी करा देता है .
अच्छा लगा .
रूह ,दर्द और अहसास के सजीव चित्रण के लिए बधाई
भावनाओं के ज्वार जब शब्दों में ढल जाता है, तो एक सुन्दर कविता का जन्म होता है। इस पैमाने पर खरी उतरती हैं दोनों कविताएं।
Geet ke bol to achchey hain hee aap ne us ke jawab mein apne bhaavon ki abhvyakti bhi bahut hi khubsurat dhang se ki hai.
waah...bahut khoob aur sundar jawaab diya aapne.
मेरे पसंदीदा गानों में से एक और उपर से आपका यह जवाब, वाह क्या बात है!
लाज़वाब्
जवाब बड़ा ही लाज़वाब हैं।
bahut badhiya raha jawab..
माकूल जवाब .......इस तरह से तो हमने कभी सोचा नही......
हमेशा की तरह भावपूर्ण रचना, आभार।
amazing poem... and this is one of my fav song...
dard ko chupana kitna mushkil hai,
tut kar phir muskarana kina mushkil hai.....
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